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    12 और मंत्रियों के इस्तीफे के साथ जानसन की बढ़ीं मुश्किलें, साथ छोड़ने वाले नेताओं ने कहा- पीएम पर खत्म हो गया भरोसा

    By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By:
    Updated: Wed, 06 Jul 2022 11:11 PM (IST)

    इस्तीफा देने वाले मंत्रियों ने साफ तौर पर कहा है कि उनका प्रधानमंत्री जानसन के नेतृत्व में भरोसा खत्म हो गया है। सरकार में शामिल कुछ अन्य मंत्री भी उनसे पद छोड़ने के लिए कहने वाले हैं। इस सबके बावजूद जानसन पद छोड़ने के मूड में नहीं दिख रहे है।

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    पीएम जानसन के खिलाफ इस्तीफा देने वाले मंत्रियों व सहायकों की कुल संख्या हुई 32

    लंदन, प्रेट्र। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन के खिलाफ मंगलवार को शुरू हुई बगावत फिलहाल थमती नजर नहीं आ रही है। वित्त मंत्री ऋषि सुनक, स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद व दो जूनियर मंत्रियों के इस्तीफे के झटके अभी जानसन संभल भी नहीं पाए थे कि बुधवार को कम से कम 12 और जूनियर मंत्रियों और 15 सहायकों ने इस्तीफा दे दिया। इनको मिलाकर सरकार से अलग होने वाले मंत्रियों और उनके सहायकों की कुल संख्या 32 हो गई है। इनमें शिक्षा मंत्री विल क्विंस, स्कूल मंत्री राबिन वाकर, पर्यावरण मंत्री जो चर्चिल व वित्तीय सेवा मंत्री जान ग्लेन शामिल हैं। इनके अलावा सांसद लुरा ट्राट ने भी परिवहन विभाग के मंत्रालय सहायक पद से त्याग पत्र दे दिया है। अटकलें हैं कि आगामी दिनों में कुछ और भी मंत्री इस्तीफा देकर जानसन की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं।

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    इस्तीफा देने वाले मंत्रियों ने साफ तौर पर कहा है कि उनका प्रधानमंत्री बोरिस जानसन (58) के नेतृत्व में भरोसा खत्म हो गया है। सरकार में शामिल कुछ अन्य मंत्री भी उनसे पद छोड़ने के लिए कहने वाले हैं। इस सबके बावजूद जानसन पद छोड़ने के मूड में नहीं दिख रहे है। संसद की एक समिति के सामने पेश होने आए जानसन ने इस्तीफे के बारे में पूछे जाने पर कहा कि देश के मौजूदा हालात और यूरोप के इतिहास में चल रही सबसे बड़ी लड़ाई (यूक्रेन पर रूस का हमला) को देखते हुए फिलहाल वे इस्तीफा नहीं देंगे।

    जानसन ने वरिष्ठ मंत्रियों के खाली पदों को भरना भी शुरू कर दिया है। इराकी अनिवासी मंत्री नदीम जहावी को वित्त मंत्री, जबकि स्टीव बार्कले को स्वास्थ्य मंत्री नियुक्त कर दिया है। ब्रिटिश मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा नियम के तहत जानसन आगामी गर्मियों तक नेतृत्व को चुनौती दिए जाने से सुरक्षित हैं, लेकिन ताकतवर 1922 कमेटी के सदस्य जब चाहें तब नियमों में बदलाव कर सकते हैं। पद संभालने के बाद जहावी ने कहा, 'सरकार की मौजूदा टीम काम करने वाली है।' उन्होंने कैबिनेट सहयोगियों से जानसन के साथ खड़े रहने की अपील की तथा देश की संघर्षरत अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने की प्रतिबद्धता जताई।

    उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री जानसन को भेजे पत्र को ट्विटर पर साझा करते हुए सुनक ने गत दिवस लिखा था, 'जनता उम्मीद करती है कि सरकार सही, गंभीर और सक्षम ढंग से संचालित होगी।' जाविद ने कहा था कि उन्होंने एक के बाद एक सामने आए स्कैंडल के बाद जानसन की राष्ट्रीय हित में शासन करने की क्षमता पर विश्वास खो दिया है।

    कुछ सहयोगियों ने किया जानसन का बचाव

    मंत्रियों के इस्तीफे के बीच जानसन के कुछ सहयोगियों ने उनका बचाव किया है। संस्कृति मंत्री नादिन डोरिस ने कहा कि प्रधानमंत्री ने लगातार सभी बड़े मामलों में सही निर्णय लिए हैं। ब्रेक्जिट मंत्री जैकब रीस-मोग ने कहा कि कुछ लोगों के इस्तीफे के कारण वर्ष 2019 के आमचुनाव में उनकी जीत को दरकिनार नहीं किया जा सकता।

    'विश्वास मत' जीता, लेकिन 'विश्वास' नहीं

    पिछले महीने जानसन 'विश्वास मत' तो जीत गए थे, लेकिन अपने दल के सांसदों का ही 'विश्वास' नहीं जीत पाए थे। पार्टी में उनके समर्थकों के मुकाबले विरोधियों की संख्या ज्यादा थी। यहां तक कि उनकी अपनी कंजर्वेटिव पार्टी के 41 प्रतिशत सांसदों ने साथ देने से इन्कार कर दिया था। उनकी पार्टी के एक सांसद ने रायटर से कहा, 'हमें लगता है कि उन्हें जबरन डाउनिंग स्ट्रीट (प्रधानमंत्री कार्यालय) से बाहर निकालना होगा।' पूर्व पत्रकार व लंदन के मेयर रहे जानसन यूरोपीय संघ से ब्रिटेन को बाहर निकालने वाला चेहरा बन गए थे और वर्ष 2019 के चुनाव में उन्हें भारी बहुमत मिला था।

    कई स्कैंडल ने जानसन पर बढ़ाया दबाव

    जानसन के अबतक के कार्यकाल में छोटे-बड़े कई स्कैंडल सामने आ चुके हैं। इनमें प्रमुख रूप से पार्टीगेट और देह व्यापार स्कैंडल शामिल हैं। पार्टीगेट कोरोनाकाल में लाकडाउन के नियमों का उल्लंघन कर दावत करने से जुड़ा है, जबकि देह व्यापार स्कैंडल सांसद क्रिस पिंचर के यौन दुराचार से जुड़ा है। पिंचर को जानसन ने डिप्टी चीफ व्हिप भी नियुक्त कर दिया था। हालांकि, इसके लिए उन्होंने खेद प्रकट कर दिया है।