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    एक और अरबपति ब्रिटिश भारतीय ने छोड़ा देश... आखिर क्यों इतनी बड़ी संख्या में ब्रिटेन छोड़ रहे रईस लोग?

    Updated: Thu, 20 Nov 2025 04:09 PM (IST)

    ब्रिटेन से बड़ी संख्या में ब्रिटिश भारतीय नागरिक टैक्स के बढ़ते बोझ और खराब सार्वजनिक सेवाओं के कारण अन्य देशों में पलायन कर रहे हैं। हरमन नरूला जैसे अरबपतियों के साथ-साथ कई और अमीर लोग भी ब्रिटेन छोड़ रहे हैं। सुरिंदर अरोड़ा ने सरकार से उद्यमियों की मदद करने का आग्रह किया है, जबकि गणपति भट जैसे पेशेवर भारत लौटने पर विचार कर रहे हैं।

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    Photo: इस तस्वीर को AI से बनवाया गया है।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ब्रिटेन से रईस ब्रिटिश भारतीय बड़ी संख्या में दुसरे देशों की ओर पलायन कर रहे हैं। इसकी मुख्य वजह नागरिकों पर टैक्स का बढ़ता बोझ और खराब पब्लिक सर्विस को माना जा रहा है। ऐसे में लोग ब्रिटेन से अन्य देशों जैसे- सऊदी अरब और UAE की तरफ रूख कर रहे हैं।

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    इस कड़ी में भारत में जन्मे हरमन नरूला, जो £2.5 बिलियन की टेक कंपनी इम्प्रोबेबल के को-फाउंडर हैं, ब्रिटेन छोड़कर दुबई जाने वालों में सबसे नए हैं। उन्होंने डेली टेलीग्राफ को बताया कि वह बजट से पहले टैक्स पॉलिसी के बारे में लगातार लीक हो रही जानकारी की वजह से ब्रिटेन छोड़ रहे हैं, जिसमें एक संभावित एग्जिट टैक्स भी शामिल है। 

    ब्रिटेन से ब्रिटिश भारतीयों का पलायन जारी

    नरूला ने बुधवार को 'द नेशनल' को बताया कि वह अभी भी ब्रिटेन छोड़ने का प्लान बना रहे हैं क्योंकि उन्हें कीर स्टारर की सरकार पर बिल्कुल भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा, 'यह एग्जिट टैक्स के बारे में कम और यह न जानने के बारे में ज्यादा है कि अगले पांच बजट में क्या होगा? मुझे लगता है कि इस मामले में, जब तक स्थिति बेहतर नहीं हो जाती, मैं कहीं और मौके तलाशना पसंद करूंगा।'

    टैक्स का बोझ और खराब सेवाएं मुख्य कारण

    इससे पहले इंग्लैंड के पूर्व फुटबॉलर रियो फर्डिनेंड और अरबपति निक स्टोरोंस्की (रेवोलुट के को-फाउंडर) हैं, दोनों लंदन छोड़कर दुबई चले गए हैं। फर्डिनेंड ने इसके लिए बढ़ते टैक्स और खराब होती पब्लिक सर्विस को दोषी ठहराया था। ब्रिटिश इंडियन अरबपति और अरोड़ा ग्रुप के चेयरमैन, सुरिंदर अरोड़ा चांसलर रेचल रीव्स को एक ओपन लेटर साइन किया है, जिसमें लिखा है: 'इस बात के चौंकाने वाले सबूत हैं कि कुछ एंटरप्रेन्योर UK छोड़ रहे हैं।

    इसके अलावा, पिछले साल के बजट में कैपिटल गेन टैक्स, एंटरप्रेन्योर रिलीफ और एम्प्लॉयर नेशनल इंश्योरेंस में बदलाव जैसे कदमों ने कई एंटरप्रेन्योर्स की लागत बढ़ा दी है। जैसे-जैसे सरकार इस साल के बजट की तैयारी कर रही है, उसे इन पॉलिसीज़ के कुल असर पर ध्यान से सोचना चाहिए। हमें एंटरप्रेन्योर्स की एनर्जी और जोश को मज़बूत बनाना है, न कि उन्हें दबाना या रोकना है।'

    भारत लौटने पर विचार कर रहे पेशेवर

    IT कंसल्टेंट गणपति भट जो मूल रूप से बेंगलुरु के रहने वाले हैं। उन्होंने 2007 में एक हाईली स्किल्ड माइग्रेंट प्रोग्राम पर काम करने UK आए थे। अब वे भी उन लोगों में से हैं जो इंडिया लौटने पर विचार कर रहे हैं। भट्ट ने कहा, 'जब मैं यहां आया था, तो यहां अच्छे मौके और संभावनाएं थीं।

    अब मुझे अपने ज्यादा टैक्स पर कोई रिटर्न नहीं दिख रहा है। मुझे NHS में कोई सुधार, आर्थिक विकास या इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश नहीं दिख रहा है।” उन्होंने कहा कि उनके कई PIO दोस्त, जो उनकी तरह सालों से UK में रह रहे थे, पहले ही भारत लौट आए हैं।