डोनाल्ड ट्रंप की राह पर ब्रिटेन, 19 हजार अवैध प्रवासियों को देश से किया बाहर, भारतीय रेस्टोरेंट पर भी कार्रवाई
हाल ही में अमेरिका ने अपने देश से अवैध प्रवासियों को बाहर निकालने की कार्रवाई की है। इस कड़ी में बहुत सारे भारतीयों को वापस भारत भेजा गया है जो गैरकानूनी तरीके से अमेरिका में प्रवेश कर गए थे। अब ब्रिटेन भी अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई में जुट गया है और भारतीय रेस्टोरेंट को निशाना बनाया गया है जहां से सात गिरफ्तारियां भी हुई है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हाल ही में अमेरिका ने अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई की है। इसी कड़ी में बहुत सारे अवैध प्रवासियों को अमेरिका ने वापस भारत भेजा है, जिसके बाद काफी हंगामा भी हुआ क्योंकि लोगों के हाथों और पैरों में हथकड़ी थी। अमेरिका के बाद अब ब्रिटेन भी अवैध प्रवासियों पर सख्त कार्रवाई करने में लग गया है।
ब्रिटेन की सत्ता में लेबर पार्टी के आने के बाद से अब तक 19 हजार अवैध प्रवासियों और अपराधियों को देश से बाहर का रास्ता दिखाया गया है। ब्रिटिश होम मिनिस्टर वेटे कूपर ने कहा, हमारी सरकार आने के बाद से अब तक 19 हजार लोगों को डिपोर्ट किया गया है।
The public must have confidence in the UK's immigration system.
— Home Office (@ukhomeoffice) February 10, 2025
Through our Plan for Change, we have removed almost 19,000 people including failed asylum seekers, foreign criminals and immigration offenders from the UK since July 2024. pic.twitter.com/QY4tpQDqSP
यूके की लेबर सरकार का फरमान
यूके की लेबर सरकार ने देश में अवैध रूप से काम करने वालों के खिलाफ छापेमारी शुरू कर दी है। इसके तहत भारतीय रेस्टोरेंट, नेल बार, सविधा स्टोर और कार वॉश की दुकानों में छापेमारी की गई, जहां प्रवासी कर्मचारी काम करते हैं। ब्रिटिश गृह सचिव की निगरानी में की गई इस कार्रवाई के तहत जनवरी में 828 परिसरों में छापेमारी की गई और 609 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।
भारतीय रेस्टोरेंट से 7 लोग गिरफ्तार
गृह सचिव के कार्यालय से कहा गया कि, उनकी टीम अवैध रूप से काम करने वालों की खूफिया जानकारी के आधार पर कार्रवाई कर रही है। पिछले महीने की गई कार्रवाई का महत्वपूर्ण हिस्सा रेस्टोरेंट, टेकअवे और कैफे के साथ-साथ खाद्य, पेय और तंबाकू उद्योग रहे।
उन्होंने बताया कि, हंबरसाइड में एक भारतीय रेस्टोरेंट से सात गिरफ्तारियां हुई है और चार लोगों को हिरासत में लिया गया। ब्रिटिश गृह सचिव कूपर ने कहा कि, आव्रजन के नियमों का सम्मान करना चाहिए और उन्हें लागू भी किया जाना चाहिए।
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