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    Supreme Court: 'दिल्ली के मुख्य सचिव के चयन के लिए केंद्र सुझाए पांच नाम', सुप्रीम कोर्ट ने मुद्दे को जल्द निपटारे का दिया आदेश

    By Jagran NewsEdited By: Jeet Kumar
    Updated: Sat, 25 Nov 2023 04:00 AM (IST)

    दिल्ली के मुख्य सचिव पद पर नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पांच नाम सुझाने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि किसी भी तरह की देरी से वरिष्ठ अधिकारियों की प्रतिष्ठा प्रभावित हो सकती है।दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना के बीच मुख्य सचिव की नियुक्ति विवाद की नई वजह है।

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    सुप्रीम कोर्ट ने कहा- दिल्ली के मुख्य सचिव के चयन के लिए केंद्र सुझाए पांच नाम

     पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र से कहा कि वह 28 नवंबर को सुबह 10.30 बजे तक दिल्ली के मुख्य सचिव पद पर नियुक्ति के लिए पांच वरिष्ठ अधिकारियों के नामों का सुझाव दे और दिल्ली सरकार को उसी दिन उस पर जवाब देना होगा ताकि इस जटिल मुद्दे का निपटारा हो सके।

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    अदालत ने कहा कि किसी भी तरह की देरी से वरिष्ठ अधिकारियों की प्रतिष्ठा प्रभावित हो सकती है।दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना के बीच मुख्य सचिव की नियुक्ति विवाद की नई वजह है। दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रही प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने सवाल किया कि उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री सौहार्दपूर्ण तरीके से नामों पर फैसला लेने के लिए क्यों नहीं मिल सकते।

    नरेश कुमार का कार्यकाल 30 नवंबर को खत्म हो रहा है

    इससे पहले 17 जुलाई को शीर्ष अदालत ने दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) के नए अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर भी मतभेदों पर संज्ञान लिया था और मुख्यमंत्री व उपराज्यपाल से पूर्व जजों के नाम पर विचार करने के लिए कहा था। दोनों के बीच बैठक के बावजूद गतिरोध बरकरार रहा था और अंत में शीर्ष अदालत ने ही डीईआरसी अध्यक्ष की नियुक्ति की थी।

    दिल्ली सरकार ने बिना किसी परामर्श के नए मुख्य सचिव की नियुक्ति करने या वर्तमान मुख्य सचिव नरेश कुमार का कार्यकाल बढ़ाने के केंद्र के किसी भी कदम के विरुद्ध शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल की थी। नरेश कुमार का कार्यकाल 30 नवंबर को खत्म हो रहा है।

    एलजी एकतरफा तरीके से शक्तियों का इस्तेमाल नहीं कर सकते

    दिल्ली सरकार ने सवाल उठाया है कि केंद्र सरकार उससे बिना कोई परामर्श किए मुख्य सचिव की नियुक्ति पर आगे कैसे बढ़ सकती है जबकि नए कानून को चुनौती दी जा चुकी है।प्रारंभ में दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक ¨सघवी ने कहा कि सेवाओं से संबंधित कानून को शीर्ष अदालत में चुनौती दी गई है और एलजी एकतरफा तरीके से शक्तियों का इस्तेमाल नहीं कर सकते।

    केंद्र की ओर से सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमारा रुख यही रहा है कि मुख्य सचिव की नियुक्ति केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा की जाती है। इस पर सिंघवी ने कहा कि मुख्य सचिव की नियुक्ति मुख्यमंत्री की सिफारिश पर की जाती है। मेहता ने कहा, 'कभी नहीं। मैं यह बात हलफनामे में कह सकता हूं।'

    अपमानजनक आरोपों के विरुद्ध अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा

    इस पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा, 'हमारे पास एक ऐसा तरीका होना चाहिए जिसके तहत सरकार काम करे। मुझे यकीन है कि आप दोनों हमें कोई रास्त दे सकते हैं।' एलजी कार्यालय की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा, 'मुझे खेद है कि मुख्य सचिव के विरुद्ध टिप्पणियां की जा रही हैं और उन्हें अपमानजनक आरोपों के विरुद्ध अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा।'

    उल्लेखनीय है कि दिल्ली की राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सरकार (संशोधन) अधिनियम को अगस्त में अधिसूचित किया गया था जिसके तहत राष्ट्रीय राजधानी में ब्यूरोक्रेसी पर केंद्र का नियंत्रण है। इसके तहत ग्रुप-ए अधिकारियों के स्थानांतरण और तैनाती के लिए एक प्राधिकरण का सृजन किया गया था।

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