'आतंकवाद के मुद्दे पर हम भारत के साथ हमेशा खड़े रहे हैं', रूसी दूत ने पहलगाम हमले को बताया जघन्य अपराध
पहलगाम आतंकी हमले को जघन्य अपराध बताते हुए भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने बुधवार को कहा कि हमने हमेशा कहा है कि आतंकवाद पर कोई दोहरा मापदंड नहीं हो सकता चाहे वह सीमा पार से हो या किसी अन्य प्रकार का आतंकवाद हो। साथ ही कहा कि हम इस मामले में हमेशा एक-दूसरे (भारत-रूस) के साथ खड़े रहे हैं।

पीटीआई, नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले को 'जघन्य अपराध' बताते हुए भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने बुधवार को कहा कि हमने हमेशा कहा है कि आतंकवाद पर कोई दोहरा मापदंड नहीं हो सकता, चाहे वह सीमा पार से हो या किसी अन्य प्रकार का आतंकवाद हो।
आतंकवाद के खिलाफ भारत-रूस के साथ खड़े
साथ ही कहा कि हम इस मामले में हमेशा एक-दूसरे (भारत-रूस) के साथ खड़े रहे हैं। हम संयुक्त राष्ट्र में भी एक-दूसरे के साथ समन्वय करते हैं। रूस ने आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए भारत द्वारा प्रस्तावित एक मसौदा सम्मेलन का समर्थन किया है जिसे जल्द से जल्द अपनाया जाना चाहिए।
पहलगाम हमला बेहद जघन्य
अलीपोव ने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुआ आतंकी हमला एक जघन्य अपराध था और इसकी व्यापक रूप से निंदा की गई थी। इस हमले की जानकारी मिलते ही राष्ट्रपति पुतिन सहित समूचे रूस ने भारत को अपना समर्थन व्यक्त किया।
राष्ट्रपति ने तुरंत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक विशेष संदेश भेजकर अपनी संवेदना व्यक्त की। पिछले साल भारत ने भी मास्को में एक शॉपिंग मॉल पर बड़े आतंकी हमले के बाद तुरंत रूस के लिए समर्थन व्यक्त किया था।
ऑपरेशन सिंदूर में एस-400 प्रणाली का उपयोग हुआ
ऑपरेशन सिंदूर और भारत द्वारा इस्तेमाल किए गए एस-400 और अन्य रूसी उपकरणों के प्रदर्शन के बारे में अलीपोव ने कहा कि 'जहां तक हमें पता है, इस ऑपरेशन के दौरान एस-400 प्रणाली और ब्रह्मोस मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया। उपलब्ध रिपोर्टों के अनुसार, इन हथियारों का उत्कृष्ट प्रदर्शन था।'
इन हथियारों के डिजाइन और उत्पादन के लिए हमारे पास एक संयुक्त उद्यम है। हम इस सहयोग के परिणामों से बहुत संतुष्ट हैं। इसकी बहुत आशाजनक संभावनाएं हैं और हम इस दिशा में आगे बढ़ना चाहते हैं।
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध विराम पर कही ये बात
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध विराम होने की संभावना के बाबत अलीपोव ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष का समाधान बहुत जटिल है। इसकी जड़ें बहुत गहरी हैं, इसके बहुत गंभीर कारण हैं जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है। युद्ध विराम यूक्रेन में शांति नहीं लाएगा। रूस ने कई बार युद्ध विराम की पहल की है, प्रस्ताव दिया है।
हमने उन संक्षिप्त युद्ध विरामों का सम्मान किया। हमने पहल की और यूक्रेनी पक्ष ने हमेशा इसका उल्लंघन किया। हमें बिल्कुल भी यकीन नहीं है कि विस्तारित युद्ध विराम सफल होगा।
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