Vladimir Putin: रूस में पुतिन का सत्ता में बने रहना तय, स्टालिन को पीछे छोड़ रिकॉर्ड बनाने की राह पर
रूस में राष्ट्रपति चुनाव के तहत तीन दिन की मतदान प्रक्रिया रविवार को पूर्ण हो गई। इसके बाद मतगणना होगी और परिणाम की घोषणा की जाएगी लेकिन चुनाव प्रक्रिया के बीच शुरू से ही माना जा रहा है कि पुतिन को छह वर्ष का एक और कार्यकाल मिलना निश्चित है। पुतिन राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के रूप में रूस की सत्ता में 1999 से ही बने हुए हैं।
मास्को, रायटर। रूस में राष्ट्रपति चुनाव के तहत तीन दिन की मतदान प्रक्रिया रविवार को पूर्ण हो गई। इसके बाद मतगणना होगी और परिणाम की घोषणा की जाएगी, लेकिन चुनाव प्रक्रिया के बीच शुरू से ही माना जा रहा है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को छह वर्ष का एक और कार्यकाल मिलना निश्चित है। राष्ट्रपति के तौर पर यह उनका पांचवां कार्यकाल होगा।
पुतिन राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के रूप में रूस की सत्ता में 1999 से ही बने हुए हैं। उन्हें खराब स्वास्थ्य के चलते बोरिस येल्तसिन ने जब सत्ता की बागडोर सौंपी थी तब रूस अपने अस्तित्व के लिए कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रहा था।
दस वर्षों में बदली रूस की तस्वीर
कहा जाता है कि एक समय पुतिन रूस को अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य संगठन नाटो का हिस्सा बनाने के लिए मानसिक रूप से तैयार हो गए थे, लेकिन जब उन्हें लगा कि नाटो में रूस को अपेक्षित सम्मान नहीं मिलेगा तब पुतिन अपने देश को उसका पुराना गौरव लौटाने के कार्य में जुट गए। महज दस वर्षों में उन्होंने रूस की तस्वीर बदल दी और सैन्य शक्ति में अमेरिका को चुनौती देने लगे। अब वह जोसेफ स्टालिन को पीछे छोड़ते हुए रूस के 200 वर्षों के इतिहास में सबसे ज्यादा समय तक सत्ता में रहने वाले नेता बनने की राह पर हैं।
यह भी पढ़ें: विश्व की निगाहें पुतिन पर टिकीं, 17 मार्च को इतिहास रचने के लिए रूस तैयार
रूस में 2024 का चुनाव तब हो रहा है जब यूक्रेन युद्ध का तीसरा वर्ष शुरू हो चुका है। इस चुनाव से पूर्व पुतिन रूस की जनता को अस्तित्व का खतरा बताते रहे हैं और उन्होंने कहा कि उनके सामने यूक्रेन पर हमला करने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं था। अब इस युद्ध का जल्द अंत नजर नहीं आ रहा है।
पुतिन के सामने तीन प्रत्याशी
इस बीच, पुतिन रूस की जनता में अपना विश्वास बरकरार रखने में सफल रहे हैं। इस चुनाव में उन्हें कड़े मुकाबले का सामना नहीं करना पड़ा है, बहुत कम समर्थन वाले तीन प्रत्याशी उनके सामने हैं, लेकिन यूक्रेन ने इस मौके का इस्तेमाल रूस पर हमला करने के लिए किया। चुनाव के दौरान यूक्रेनी सेना ने सीमा पर गोलाबारी की तो रूसी रिफाइनरियों पर ड्रोन हमले हुए। पुतिन ने कहा है,
चुनाव बाधित करने की इन कोशिशों के लिए यूक्रेन को दंडित किया जाएगा।
शुक्रवार और शनिवार को कई स्थानों पर पुतिन के विरोध में प्रदर्शन हुए थे और मतपत्रों को खराब करने की कोशिश हुई थी, लेकिन रविवार को ऐसी किसी घटना की सूचना नहीं मिली है।
नून अंगेस्ट पुतिन से खास असर नहीं
मुकाबले से दूर पुतिन बड़े अंतर से चुनाव जीतने जा रहे हैं, इसमें अब पश्चिमी देशों के मीडिया को भी शक नहीं है। रूस के कुल 11.4 करोड़ मतदाताओं में से 63 प्रतिशत ने शुक्रवार और शनिवार को हुए मतदान में वोट डाले हैं। रविवार को दिवंगत नवलनी के समर्थकों ने नून अंगेस्ट पुतिन का नारा लगाते हुए विरोध में मतदान का आह्वान किया था, लेकिन मुकाबले में मजबूत प्रत्याशी न होने के कारण इस आह्वान से पुतिन को खास नुकसान होता नजर नहीं आ रहा है, लेकिन रविवार को दोपहर में मतदान केंद्रों पर युवाओं की भीड़ देखी गई।
माना जा रहा है कि उनमें से ज्यादातर ने पुतिन के विरोध में वोट दिया। मतदाताओं की ऐसी ही लाइनें ऑस्ट्रेलिया, जापान, आर्मेनिया, कजाखस्तान, जार्जिया और कुछ अन्य देशों में स्थित रूसी दूतावासों में बनाए गए मतदान केंद्रों पर भी देखी गईं।