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    अमेरिका से वार्ता विफल होने पर अब रूस की शरण में पहुंचा तालिबान, जानें- क्या है मकसद

    By Dhyanendra SinghEdited By:
    Updated: Sat, 14 Sep 2019 06:07 PM (IST)

    डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले हफ्ते तालिबान के साथ चल रही शांति वार्ता रद कर दी थी। उन्होंने यह कदम अफगानिस्तान में तालिबान के हमले में एक अमेरिकी सैनिक की मौत के बाद उठाया था।

    अमेरिका से वार्ता विफल होने पर अब रूस की शरण में पहुंचा तालिबान, जानें- क्या है मकसद

    मॉस्को, आइएएनएस/रायटर। अमेरिका के साथ शांति वार्ता विफल होने के बाद तालिबान अब रूस की शरण में पहुंचा गया है। उसने अपना एक प्रतिनिधिमंडल मॉस्को भेजा है। इस प्रतिनिधिमंडल ने अफगानिस्तान मामले में रूस के विशेष दूत जमीर काबुलोव से मुलाकात की और शांति प्रक्रिया के हालिया घटनाक्रम पर चर्चा की।

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    तास न्यूज एजेंसी ने तालिबान के प्रवक्ता मुहम्मद सोहेल शाहीन के हवाले से कहा, 'हम विशेष दूत जमीर काबुलोव से मुलाकात कर चुके हैं और उनसे अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया पर चर्चा हुई।' जबकि रूसी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि उनके देश का मानना है कि अमेरिका और तालिबान को फिर से बातचीत शुरू करनी चाहिए। तालिबान के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि वह वाशिंगटन के साथ वार्ता जारी करने को तैयार है।

    ट्रंप ने रद कर दी शांति वार्ता
    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले हफ्ते तालिबान के साथ चल रही शांति वार्ता रद कर दी थी। उन्होंने यह कदम अफगानिस्तान में तालिबान के हमले में एक अमेरिकी सैनिक की मौत के बाद उठाया था। उन्होंने यह वार्ता ऐसे समय रद कर थी, जब दोनों पक्ष समझौते की दहलीज पर पहुंच गए थे। अमेरिका और तालिबान के बीच गत दिसंबर से कतर की राजधानी दोहा में शांति वार्ता चल रही थी।

    मॉस्को दौरे के पीछे का मकसद
    कतर स्थित तालिबान के सियासी दफ्तर के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा, 'इस तरह के दौरों का मकसद इन देशों के नेताओं को यह बताना है कि ट्रंप ने ऐसे समय शांति वार्ता रद की, जब दोनों पक्ष सभी मसलों को हल करने को राजी हो गए थे और समझौते के करीब थे।'

    शांति के लिए रूस भी प्रयासरत
    अफगानिस्तान में 18 साल से जारी खूनी संघर्ष का खत्म कराने के लिए रूस भी प्रयास कर रहा है। इसी प्रयास के तहत इस साल रूस तालिबान और अफगान नेताओं के बीच कई बैठकों की मेजबानी कर चुका है।

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