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    मिखाइल गोर्बाचौव के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होंगे व्लादिमीर पुतिन, जानें क्या है वजह

    By Mahen KhannaEdited By:
    Updated: Fri, 02 Sep 2022 08:22 AM (IST)

    सोवियत संघ के आखिरी राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचौव के अंतिम संस्कार में राष्ट्रपति पुतिन शामिल नहीं होंगे। सरकार के अनुसार वे किसी जरूरी काम के चलते ऐसा नहीं कर पाएंगे। वहीं गोर्बाचौव का पूर्ण राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार भी नहीं किया जाएगा।

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    मिखाइल गोर्बाचौव के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होंगे पुतिन।

    मास्को, (एजेंसी): रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सोवियत संघ के आखिरी राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचौव के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होंगे। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने बताया कि पुतिन किसी जरूरी कार्यक्रम के चलते 3 सितंबर को गोर्बाचौव के विदाई समारोह में भाग नहीं लेंगे। इस बीच आज रूसी राष्ट्रपति ने गोर्बाचौव को श्रद्धांजलि देने के लिए सेंट्रल क्लिनिकल अस्पताल का दौरा किया। बता दें कि गोर्बाचौव का पूर्ण राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।

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    गोर्बाचौव के विदाई समारोह में आम लोग भी जाएंगे

    गोर्बाचौव के लिए एक विदाई समारोह शनिवार को होने वाला है, इसमें आम जनता को भी जाने की अनुमति होगी। उसके बाद उसी दिन मास्को के नोवोडेविची कब्रिस्तान में अंतिम संस्कार किया जाएगा। गौरतलब है कि गोर्बाचौव का लंबी बीमारी के बाद मंगलवार शाम 91 बजे निधन हो गया।

    बोरिस जानसन ने भी जताया शोक

    इससे पहले, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने भी गोर्बाचौव के निधन पर शोक व्यक्त किया। स्पुतनिक न्यूज एजेंसी ने अस्पताल के हवाले से बताया कि गंभीर और लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया।

    USSR के अंतिम राष्ट्रपति थे गोर्बाचौव

    मिखाइल गोर्बाचौव यूनाइटेड यूनियन आफ सोवियत सोशलिस्ट रिपब्लिक (USSR) जिसे सोवियत संघ भी कहा जाता है, उसके आखिरी राष्ट्रपति थे। वह एक युवा और गतिशील सोवियत नेता थे जो नागरिकों को कुछ स्वतंत्रता देकर लोकतांत्रिक सिद्धांतों की तर्ज पर कम्युनिस्ट शासन में सुधार करना चाहते थे।

    सोविय संघ के लिए उठाए थे कई कदम

    1989 में जब साम्यवादी पूर्वी यूरोप के सोवियत संघ में लोकतंत्र समर्थक विरोध प्रदर्शन तेज हो गए, तो गोर्बाचौव ने बल प्रयोग करने से परहेज किया था। गोर्बाचौव ने पेरेस्त्रोइका या पुनर्गठन नामक आर्थिक सुधार का एक कार्यक्रम भी शुरू किया जो सोवियत संघ की अर्थव्यवस्था के लिए उस समय जरूरी था।

    नोबेल शांति पुरस्कार मिला था

    गोर्बाचौव ने संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ परमाणु निरस्त्रीकरण समझौते पर भी सफलता प्राप्त की थी जिससे उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार मिला था। द न्यूयार्क टाइम्स के अनुसार, गोर्बाचौव के सत्ता में पहले पांच साल महत्वपूर्ण उपलब्धियों से चिह्नित थे। उन्होंने पूर्वी यूरोप से अधिकांश सोवियत सामरिक परमाणु हथियारों की वापसी शुरू की।

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