रूसी अदालत ने टिकटाक पर लगाया 30 लाख रूबल जुर्माना लगाया, सोशल मीडिया पर लगाम लगाने की कवायद
रूस की एक अदालत ने एलजीबीटी सामग्री हटाने में विफल रहने के लिए मंगलवार को टिकटाक पर जुर्माना लगा दिया। मास्को में टागांस्की जिला अदालत ने रूसी नियामक की शिकायत के बाद शार्ट वीडियो शेयरिंग प्लेटफार्म को 30 लाख रूबल जुर्माना भरने का आदेश दिया है।

मास्को, एपी: रूस की एक अदालत ने एलजीबीटी सामग्री हटाने में विफल रहने के लिए मंगलवार को टिकटाक पर जुर्माना लगा दिया। मास्को में टागांस्की जिला अदालत ने रूसी नियामक की शिकायत के बाद शार्ट वीडियो शेयरिंग प्लेटफार्म को 30 लाख रूबल जुर्माना भरने का आदेश दिया है। चीन की बाइट डांस लिमिटेड की कंपनी टिकटाक ने इस बारे में अभी कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है।
रूसी कानून का उल्लंघन
सरकारी संचार नियामक रोस्कोमनाडजोर द्वारा दायर मामले के अनुसार, इस साल के शुरू में प्लेटफार्म पर एक वीडियो जारी किया गया था। यह वीडियो एलजीबीटी, कट्टरपंथी नारीवाद को बढ़ावा देने के विरुद्ध रूसी कानून का उल्लंघन करता है। रूस की सरकार इंटरनेट और इंटरनेट मीडिया पर नियंत्रण लगाने में जुटी है। इस साल के शुरू में एक कोर्ट ने स्थानीय सर्वर पर रूसी यूजर्स डाटा स्टोर करने में विफल रहने के लिए वाट्सएप और मैसेज प्लेटफार्म स्नैपचैट पर भी जुर्माना लगाया था।
टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में तालिबान
अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में है। तालिबान के नेतृत्व वाले दूरसंचार विभाग की एक घोषणा का हवाला देते हुए मीडिया रिपोर्टों में कहा गया कि तालिबान अगले 3 महीनों के भीतर अफगानिस्तान में टिकटॉक और पबजी ऐप पर प्रतिबंध लगाने जा रहा है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार तालिबान ने सुरक्षा क्षेत्र के प्रतिनिधियों और शरिया कानून प्रवर्तन प्रशासन के एक प्रतिनिधि के साथ बैठक में इन ऐप्स के प्रतिबंध की घोषणा की है। इसी बैठक में अफगानिस्तान में टिकटॉक और पबजी दोनों पर 90 दिनों के भीतर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया गया है। यह जानकारी समाचार एजेंसी एएनआई ने दी है।
तालिबान सरकार में अफगानिस्तान में बढ़ा है मानवीय संकट
बता दें कि अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद तालिबान के नेतृत्व में एक अंतरिम अफगान सरकार पिछले साल 15 अगस्त को सत्ता में आई थी। अफगानिस्तान में तालिबान के अधिग्रहण से इस देश को आर्थिक संकट और भोजन की कमी से जूझना पड़ा रहा है। अफगानिस्तान में मानवीय संकट भी काफी बढ़ गया है। तालिबान में मानवाधिकारों के व्यापक उल्लंघन, महिलाओं और लड़कियों को उनकी स्वतंत्रता से वंचित करने के डर से हजारों अफगानी नागरिक देश छोड़कर भाग गए हैं।
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