रूसी-चीनी नौसेनाओं ने प्रशांत क्षेत्र में चलाया अपना पहला संयुक्त गश्ती अभियान, अमेरिका को लग सकती है मिर्ची
रूसी और चीनी नौसेनाओं ने प्रशांत क्षेत्र में अपना पहला संयुक्त गश्ती अभियान चलाया है। बुधवार को एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह संयुक्त गश्ती अगस्त की शुरुआत में जापान सागर में रूसी-चीनी अभ्यास मैरीटाइम इंटरेक्शन 2025 के समापन के बाद शुरू की गई थी। इसके साथ ही मिशन पूरा करने के बाद चालक दल अपने-अपने ठिकानों पर लौट आए।
पीटीआई, मॉस्को। रूसी और चीनी नौसेनाओं ने प्रशांत क्षेत्र में अपना पहला संयुक्त गश्ती अभियान चलाया है। बुधवार को एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह संयुक्त गश्ती अगस्त की शुरुआत में जापान सागर में रूसी-चीनी अभ्यास "मैरीटाइम इंटरेक्शन 2025" के समापन के बाद शुरू की गई थी।
सरकारी समाचार एजेंसी टास ने रूसी नौसेना द्वारा जारी एक बयान के हवाले से बताया कि प्रशांत बेड़े की डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी "वोल्खोव" और चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी की एक पनडुब्बी ने जापान सागर और पूर्वी चीन सागर में एक स्वीकृत मार्ग पर गश्त की।
मिशन पूरा करने के बाद, चालक दल अपने-अपने ठिकानों पर लौट आए। चीन को नियंत्रित करने के लिए पश्चिमी नौसेनाओं के बढ़ते हिंद-प्रशांत रुख के बीच, मॉस्को और बीजिंग ने अपनी नौसैनिक बातचीत तेज कर दी है।
इस साल की शुरुआत में, रूसी और चीनी नौसेनाओं ने "दोनों देशों के बीच नौसैनिक सहयोग को मजबूत करने, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने, समुद्री क्षेत्र की निगरानी करने और रूसी और चीनी समुद्री आर्थिक सुविधाओं की रक्षा करने" के लिए एक संयुक्त गश्ती अभियान चलाया था।
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