LGBT Movement: रूस के सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक गतिविधियों पर लगाई रोक, बंद दरवाजों के पीछे हुई सुनवाई
रूस के सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक लेस्बियन और ट्रांसजेंडर अधिकारों के समर्थकों के विरुद्ध गुरुवार को कठोर कदम उठाया। शीर्ष कोर्ट ने एलजीबीटीक्यू प्लस एक्टिविज्म को चरमपंथी करार देते हुए इस तरह की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। रूस के न्याय मंत्रालय ने कहा था कि अधिकारियों ने रूस में चल रहे एलजीबीटीक्यू प्लस आंदोलन के उग्रवादी प्रभाव की पहचान की है।

एपी, मास्को। रूस के सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक, लेस्बियन और ट्रांसजेंडर अधिकारों के समर्थकों के विरुद्ध गुरुवार को कठोर कदम उठाया। शीर्ष कोर्ट ने एलजीबीटीक्यू प्लस एक्टिविज्म को चरमपंथी करार देते हुए इस तरह की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
बंद दरवाजों के अंदर हुई सुनवाई
रूस के न्याय मंत्रालय ने कहा था कि अधिकारियों ने रूस में चल रहे एलजीबीटीक्यू प्लस आंदोलन के उग्रवादी प्रभाव की पहचान की है। हालांकि, न्याय मंत्रालय ने इस बारे में कोई प्रमाण नहीं दिया था। कई अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस मुकदमे के माध्यम से 'इंटरनेशनल सिविक एलजीबीटी मूवमेंट' को निशाना बनाया गया है। इस मामले की सुनवाई बंद दरवाजों के अंदर हुई।
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संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख ने क्या कहा?
वहीं, कोर्ट के इस फैसले के बाद संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख ने रूस द्वारा उठाए गए इस फैसले को एलजीबीटी लोगों के खिलाफ भेदभाव करने वाला बताते हुए इसको तुरंत निरस्त करने की मांग की। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने कहा कि रूसी अधिकारी इस मामले पर जरूरी कदम उठाएंगे।
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