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    यूक्रेन पर परमाणु हमला करने की फिराक में रूस! बैलिस्टिक मिसाइल 'सरमत' की तैनाती के बाद लगीं अटकलें

    By AgencyEdited By: Mahen Khanna
    Updated: Sun, 03 Sep 2023 04:30 AM (IST)

    Russia planning nuclear attack रूस की ये मिलाइस 10 परमाणु वारहेड ले जाने में सक्षम है। पहले इसकी तैनाती 2022 के अंत में होनी थी। रूसी स्पेश एजेंसी प्रमुख यूरी बोरिसोव ने शुक्रवार को कहा कि मिसाइल तैनात कर दी गई है। इसकी तैनाती उन लोगों को दो बार सोचने को मजबूर कर देगी जो रूस को धमकाने की कोशिश कर रहे हैं।

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    Russia planning nuclear attack: व्लादिमीर पुतिन चल सकते हैं नई चाल।

    मास्को, एपी। Russia planning nuclear attack रूस ने परमाणु क्षमता वाली अत्याधुनिक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल सरमत की तैनाती की है। पश्चिमी विश्लेषकों ने सरमत को शैतान-2 नाम दिया है। पहले इसकी तैनाती 2022 के अंत में होनी थी। रूसी स्पेश एजेंसी प्रमुख यूरी बोरिसोव ने शुक्रवार को कहा कि मिसाइल तैनात कर दी गई है।

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    सरमत 10 परमाणु वारहेड लेजाने में सक्षम

    सरमत बेहद ही कम समय में लांच की जा सकती है, जिससे सर्विलांस सिस्टम की ओर से इसका पता लगाना कठिन हो जाता है। इसे सबसे घातक हथियारों में से एक माना जाता है। सरमत 10 परमाणु वारहेड लेकर 18000 किलोमीटर तक जाने में सक्षम है। यह आर-36 का स्थान लेगी।

    दूरी अमेरिकी महाद्वीप तक होगी

    गत वर्ष अप्रैल में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि सरमत कई परमाणु बम ले जाने में सक्षम होगी। इसकी दूरी अमेरिकी महाद्वीप तक होगी। इसकी तैनाती उन लोगों को दो बार सोचने को मजबूर कर देगी, जो रूस को धमकाने की कोशिश कर रहे हैं। उस दौरान पश्चिमी विश्लेषकों की ओर से कहा गया था कि इससे अमेरिका और उनके सहयोगियों को बेहद कम खतरा है।  

    यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्र में रूस करा रहा चुनाव

    रूस अपने कब्जे वाले यूक्रेन के क्षेत्र में गुरुवार को स्थानीय स्तर पर चुनाव कराने की तैयारी शुरू कर दी है। यूक्रेन ने रूस के इस कदम की आलोचना की है। साथ ही लोगों से अपील की है कि वह रूस की ओर से तैनात अधिकारियों की ओर से कराए जा रहे इस चुनाव में भाग न लें। यूक्रेन की ओर से कहा गया है कि अगर संभव हो तो वे इस क्षेत्र को छोड़ दें।

    युद्ध से इतर रूस को नोबेल फाउंडेशन ने झटका दिया है। शनिवार को कड़ी प्रतिक्रियाओं के बाद रूस, बेलारूस और ईरान के प्रतिनिधियों को इस साल के नोबेल पुरस्कार पुरस्कार समारोह में भाग लेने के लिए दिया गया अपना निमंत्रण वापस ले लिया है।