पुतिन परमाणु हथियार समझौता एक वर्ष बढ़ाने को तैयार, चीन ने समझौते में शामिल होने से किया इनकार
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को परमाणु हथियार समझौते को एक साल के लिए बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। पुतिन ने कहा कि वैश्विक शांति के लिए यह समझौता ज़रूरी है। 2010 में हुई न्यू स्टार्ट ट्रीटी के तहत दोनों देश 1550-1550 परमाणु हथियार तैनात रख सकते हैं। यह समझौता 5 फरवरी 2026 को खत्म हो रहा है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिकी समकक्ष डोनाल्ड ट्रंप के समक्ष परमाणु हथियार समझौते को एक वर्ष के लिए बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है। इस बीच दोनों देश नए समझौते के लिए वार्ता करके मसौदा तैयार कर लेंगे।
विश्व में सर्वाधिक परमाणु हथियार वाले देश रूस के राष्ट्रपति ने कहा है कि वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए समझौता जरूरी है। विदित हो कि अमेरिका के पास रूस से कुछ कम परमाणु हथियार हैं लेकिन दोनों के परमाणु हथियारों की संख्या पांच-पांच हजार से ज्यादा है।
2010 में हुई न्यू स्टार्ट ट्रीटी के तहत दोनों देश 1,550-1,550 परमाणु हथियार तैनात कर सकते हैं। यह समझौता पांच फरवरी, 2026 को खत्म हो रहा है। रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि फरवरी 2026 के बाद एक वर्ष के लिए वह समझौता बरकरार रखने के लिए तैयार हैं, अब अमेरिका को अपनी मंशा जाहिर करनी है।
पुतिन ने यह प्रस्ताव तब रखा है जब यूक्रेन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप पर रूस पर नए प्रतिबंध लगाने के लिए लगातार दबाव डाल रहा है। पुतिन ने कहा, राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए दबाव है। लेकिन रूस के कुछ अपनी सुरक्षा के ¨बदु हैं। इसलिए यह युद्ध जारी है और यह द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद पूर्व और पश्चिम के बीच तनाव का सबसे बड़ा कारण बन गया है।
अब जबकि न्यू स्टार्ट ट्रीटी के खत्म होने में केवल चार महीने का समय बचा है, अमेरिका ने इस द्विपक्षीय समझौते को बढ़ाने की इच्छा व्यक्त नहीं की है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप पूर्व में इस समझौते के नवीनीकरण की इच्छा जता चुके हैं लेकिन उन्होंने समझौते में चीन को भी शामिल करने की जरूरत बताई है, जो इस समय तेजी से परमाणु हथियारों का भंडार बढ़ा रहा है। 2030 तक चीन के परमाणु हथियारों की संख्या 1,000 तक होने के आसार हैं। चीन ने परमाणु हथियारों की संख्या सीमित रखने के समझौते में शामिल होने से इन्कार कर दिया है।
नाटो और रूस में टकराव का खतरा
अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य संगठन नाटो के यूरोपीय सदस्य देशों ने आरोप लगाया है कि रूस पड़ोसी देशों की वायुसीमाओं का लगातार उल्लंघन कर रहा है। सुरक्षा परिषद में ब्रिटेन के विदेश मंत्री वेट्टी कूपर ने कहा, रूस की घुसपैठ से नाटो और रूस के बीच सैन्य टकराव का खतरा बढ़ गया है। कहा, नाटो रक्षात्मक भूमिका में है लेकिन वह नाटो देशों के आकाश की सुरक्षा के लिए तैयार है। अमेरिकी प्रतिनिधि ने भी नाटो देशों की सुरक्षा पर जोर दिया है। जबकि रूस ने घुसपैठ के आरोपों से इन्कार किया है और दोनों पक्षों के बीच सुरक्षा पर गंभीर चर्चा की जरूरत बताई है।
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