जल, थल, नभ... रूस करने जा रहा है सबसे बड़े परमाणु हमले का अभ्यास, आखिर क्या है पुतिन का नया प्लान?
अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाकात टलने के बाद रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने परमाणु हमले का अभ्यास करने का निर्देश दिया है। इस अभ्यास में इंटरकांटिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल (आइसीबीएम) यार्स और सिनेवा का परीक्षण शामिल है। बमवर्षक विमान टीयू-95 से लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल भी दागी गई। क्रेमलिन के अनुसार, यह अभ्यास सेना के कौशल को परखने के लिए किया गया।

पुतिन ने दिया परमाणु हमले का अभ्यास करने का आदेश
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप से हंगरी में मुलाकात टलने के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सेना को परमाणु हमले का अभ्यास करने का निर्देश दिया है। इस निर्देश के बाद रूस की परमाणु हथियारों की जिम्मेदारी संभालने वाले रणनीतिक बल ने अमेरिका पर हमला करने में सक्षम इंटरकांटिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल (आइसीबीएम) यार्स का प्लेसत्स्क में परीक्षण किया है जबकि दूसरी आइसीबीएम सिनेवा का परीक्षण बैरेंट्स सागर में उसे पनडुब्बी से दागकर किया गया है।
जबकि परमाणु हमले में सक्षम बमवर्षक विमान टीयू-95 से लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल दागने का परीक्षण किया गया है। रूसी राष्ट्रपति के कार्यालय क्रेमलिन ने कहा है कि ये अभ्यास सेना के कौशल को परखने के लिए किए गए। रूसी सेनाओं के प्रमुख जनरल वालेरी गेरासिमोव ने सभी परीक्षणों को वीडियो लिंक के जरिये राष्ट्रपति पुतिन को दिखाया।
पुतिन ने दिया परमाणु हमले का अभ्यास करने का आदेश
पुतिन ने इन परीक्षणों के निर्देश तब दिए जब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने मंगलवार को बयान दिया कि रूसी राष्ट्रपति के साथ हंगरी में उनकी बैठक निकट भविष्य में नहीं होने जा रही है, क्योंकि वह नहीं चाहते कि बैठक बिना किसी ठोस नतीजे के खत्म हो जाए। इससे पहले सोमवार को अमेरिका और रूस के विदेश मंत्रियों ने टेलीफोन पर दोनों नेताओं की प्रस्तावित बैठक के संबंध में बात की थी।
मिसाइल और बमवर्षक विमान से परीक्षण
अमेरिकी राष्ट्रपति ने ही पिछले सप्ताह रूसी समकक्ष से दो घंटे तक टेलीफोन पर बात करने के बाद हंगरी में उनके साथ जल्द बैठक करने की घोषणा की थी। मंगलवार को रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने साफ कर दिया था कि यूक्रेन युद्ध के कारणों और युद्ध में जीती भूमि पर ठोस निर्णय के बगैर रूस हमले नहीं रोकेगा। युद्ध के कारणों के स्थायी रूप से खत्म होने पर ही क्षेत्र में स्थायी शांति संभव है। बुधवार को क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा, हंगरी की बैठक के लिए सभी बिंदुओं पर अच्छी तरह से तैयारी की जरूरत है। समय की बर्बादी कोई नहीं चाहता है, न राष्ट्रपति ट्रंप और न ही राष्ट्रपति पुतिन। दोनों राष्ट्रपति त्वरित गति से फलदायी कार्यों के लिए जाने जाते हैं लेकिन प्रभावशाली निर्णयों के लिए अच्छी तैयारी की जरूरत होती है।
(न्यूज एजेंसी एपी के इनपुट के साथ)
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