पर्यावरणविदों ने रूस के पहले तैरते परमाणु रिएक्टर को लेकर क्यों जताया एतराज, जानें
पर्यावरणविदों की चेतावनी के बावजूद रूस ने शुक्रवार को आर्कटिक क्षेत्र में दुनिया का पहला तैरता परमाणु रिएक्टर लांच कर दिया।
मॉस्को, एएफपी। पर्यावरणविदों की चेतावनी के बावजूद रूस ने शुक्रवार को आर्कटिक क्षेत्र में दुनिया का पहला तैरता परमाणु रिएक्टर लांच कर दिया। लांचिंग के बाद 21 हजार टन के पोत पर दो रिएक्टर को पांच हजार किलोमीटर की यात्रा पर रवाना कर दिया गया है।
पुराने की जगह लेगा नया रिएक्टर
परमाणु ईंधन से लैस एकेडमिक लोमोनोसोव नामक यह रिएक्टर आर्कटिक के मरमंस्क बंदरगाह से उत्तर-पूर्वी साइबेरिया की तरफ बढ़ेगा। स्वायत्त चुकोतका क्षेत्र के पेवेक शहर पहुंचने पर यह रिएक्टर वहां के स्थानीय परमाणु संयंत्र और बंद पड़े कोयला संयंत्र की जगह लेगा।
पर्यावरण्ािविदों ने जताया एतराज
रूस की परमाणु एजेंसी रोसाटोम के अनुसार, तैरने वाले रिएक्टर सालभर बर्फ में ढके रहने वाले इलाके में संयंत्र का विकल्प हो सकते हैं। रोसाटोम इस तरह के रिएक्टर के निर्यात पर भी विचार कर रहा है। लेकिन पर्यावरणविद इस प्रोजक्ट को खतरनाक बताते हुए इसे 'न्यूक्लियर टाइटेनिक' और 'बर्फ पर चेरनोबिल' आदि नाम दे रहे हैं।
1986 में हुआ था भीषण परमाणु विस्फोट
यूक्रेन के शहर चेरनोबिल में 1986 में भीषण परमाणु विस्फोट हुआ था। ग्रीनपीस रूस में ऊर्जा विभाग के प्रमुख राशिद अलीमोव ने कहा, 'पर्यावरणविद लंबे समय से इस रिएक्टर का विरोध करते रहे हैं। हर परमाणु उर्जा संयंत्र से रेडियो एक्टिव कचरा निकलता है जिससे हादसे हो सकते हैं। एकेडमिक लोमोनोसोव को तो तूफान से भी खतरा है। रोसाटोम रिएक्टर में इस्तेमाल हो चुके ईंधन को पोत पर ही रखेगा। ऐसे में यदि कोई हादसा हुआ तो वह पूरे आर्कटिक के लिए भयावह होगा।'