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    पोलैंड हाई अलर्ट पर, सीमा पर रूस-बेलारूस का सैन्य अभ्यास; फ्रांस ने सहयोगी देश में तैनात किए राफेल

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Sat, 13 Sep 2025 06:57 AM (IST)

    पोलैंड पहुंचे रूसी ड्रोन गिराए जाने से बढ़े तनाव के बीच रूस और बेलारूस ने संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है। इस अभ्यास के चलते पोलैंड हाई अलर्ट पर आ गया है। इस बीच नाटो सहयोगी के रूप में एकजुटता दिखाने के लिए फ्रांस ने पोलैंड में राफेल लड़ाकू विमानों की तैनाती की घोषणा की है। एस जयशंकर की पोलिश समकक्ष से वार्ता हुई जिसमेंशांति की अपेक्षा की गई।

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    पोलैंड सीमा के पास रूस और बेलारूस ने संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू किया (सांकेतिक तस्वीर)

     रॉयटर, मॉस्को। पोलैंड पहुंचे रूसी ड्रोन गिराए जाने से बढ़े तनाव के बीच रूस और बेलारूस ने संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है। जापाड-2025 नामक यह सैन्य अभ्यास पोलैंड की सीमा के नजदीक किया जा रहा है।

    पोलैंड हाई अलर्ट पर

    इस अभ्यास के चलते पोलैंड हाई अलर्ट पर आ गया है। इस बीच नाटो सहयोगी के रूप में एकजुटता दिखाने के लिए फ्रांस ने पोलैंड में राफेल लड़ाकू विमानों की तैनाती की घोषणा की है।

    जयशंकर की पोलिश समकक्ष से वार्ता, शांति की अपेक्षा की

    रूस और नाटो के सदस्य देश पोलैंड के बीच बढ़े तनाव के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पोलिश समकक्ष राडोस सिकोरस्की से टेलीफोन पर बात की है और क्षेत्रीय शांति के लिए यूक्रेन युद्ध के जल्द खत्म होने की आवश्यकता जताई है।

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    रूसी रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि सैन्य अभ्यास के पहले चरण में दोनों देश अपने ऊपर होने वाले हमले का मिलकर बचाव का अभ्यास कर रहे हैं। दूसरे चरण में दोनों देश मिलकर अपनी जमीन पर कब्जा बरकरार रखने और दुश्मन को बर्बाद करने वाले अभ्यास करेंगे। इस तरह की कार्रवाई में सहयोगी देशों की सेनाओं का भी सहयोग लिया जाएगा।

    बेलारूस की सीमा कई नाटों देशों से जुड़ी

    विदित हो कि बेलारूस के साथ तीन नाटो सदस्य देशों-पोलैंड, लिथुआनिया और लातविया की सीमाएं लगती हैं। रूसी राष्ट्रपति के कार्यालय क्रेमलिन ने कहा है कि यह सामान्य सैन्य अभ्यास है, इसे लेकर यूरोप की चिंता रूस के प्रति उसके शत्रुभाव से जुड़ी हुई हैं। रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि बुधवार को पोलैंड की सीमा में घुस गए ड्रोन वास्तव में यूक्रेन के पश्चिमी भाग में हमले के लिए भेजे गए थे, उनका पोलैंड में किसी को निशाना बनाने का उद्देश्य नहीं था।

    ट्रंप ने ड्रोन प्रकरण को गलती बताया, नाखुशी जताई

    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने माना है कि रूसी ड्रोन का पोलैंड में प्रवेश एक गलती थी। इस मामले में जो कुछ भी हुआ है उसे लेकर वह खुश नहीं हैं। ट्रंप ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही इस प्रकरण से जुड़ी बातें खत्म हो जाएंगी।

    ट्रंप ने कहा, यूक्रेन युद्ध में रूस की जो हरकतें हैं उनसे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को लेकर उनका धैर्य खत्म हो रहा है। वह जल्द ही रूस पर कड़े प्रतिबंधों का एलान कर सकते हैं। लेकिन पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने ट्रंप के बयान को काटते हुए कहा है कि रूसी ड्रोन का पोलैंड में आना गलती नहीं थी बल्कि उन्हें षडयंत्र के तौर पर भेजा गया था।

    रूस के सबसे बड़े तेल ठिकाने पर यूक्रेन का हमला

    यूक्रेन ने शुक्रवार को रूस के बड़े तेल ठिकाने पर ड्रोन हमला कर उसे बड़ा नुकसान पहुंचाया है। ताजा हमला बाल्टिक सागर के तट पर स्थित प्रिमो‌र्स्क बंदरगाह पर हुआ है। यह रूस का सबसे बड़ा आयल टर्मिनल है। हमले में दो जहाजों और एक पंपिंग स्टेशन में आग लग गई। लेकिन किसी तेल भंडार को नुकसान नहीं पहुंचा है।

    क्षेत्रीय गवर्नर ने बताया है कि यूक्रेन के आए ड्रोन के झुंड में से 30 से ज्यादा ड्रोन को आकाश में ही नष्ट कर दिया गया था, कुछ ने नुकसान पहुंचाया है। यूक्रेन ने मास्को पर भी ड्रोन हमले की कोशिश की लेकिन रूसी राजधानी के नजदीक पहुंचने से पहले ही सभी नौ ड्रोन मार गिराए गए।

    ब्रिटेन के प्रिंस हैरी यूक्रेन पहुंचे

    इस बीच ब्रिटेन के प्रिंस हैरी शुक्रवार को अचानक यूक्रेन की राजधानी कीव पहुंचे। प्रिंस हैरी का दौरान युद्ध में घायल यूक्रेनी सैनिकों के प्रति सद्भावना प्रदर्शित करने के लिए हुआ है।