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    Russia-Ukraine War : नाटो अभ्यास की चुनौती के बीच रूस ने बाल्टिक सागर में सैन्य अभ्यास किया शुरू

    By Shashank_MishraEdited By:
    Updated: Sat, 11 Jun 2022 03:31 PM (IST)

    रूस नाटो के 14 सहयोगियों के रूप में अपनी ताकत बढ़ा रहा है साथ ही दो नाटो साझेदार देशों - फिनलैंड और स्वीडन - वर्तमान में 5 से 17 जून तक बाल्टिक ऑपरेशन अभ्यास में भाग ले रहे हैं जिसमें 45 से अधिक जहाज शामिल हैं।

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    45 विमान और हेलीकॉप्टर, और 10,000 सैनिक बड़े पैमाने पर अभ्यास में शामिल हैं।

    मॉस्को एएनआइ। रूस के युद्धपोत बाल्टिक सागर में अभ्यास कर रहे हैं, ये वही क्षेत्र है जहां पर उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) अभ्यास कर रहा है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार इस युद्ध अभ्यास में लगभग 60 सतही युद्धपोत, नाव और आपूर्ति जहाज, लगभग 45 विमान और हेलीकॉप्टर, और 10,000 सैनिक बड़े पैमाने पर अभ्यास में शामिल हैं। नाविक नकली दुश्मन के जहाजों की खोज करने का अभ्यास कर रहे है और हवा-विरोधी, जहाज-रोधी और पनडुब्बी-रोधी रक्षा के उपाय भी इस युद्ध अभ्यास में शामिल है।

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    रूस की आर्मी कलिनिनग्राद क्षेत्र में कर रही अभ्यास

    बता दें कि थल सेना को रूस के कलिनिनग्राद क्षेत्र में निर्दिष्ट क्षेत्रों में तैनात किया गया है और नकली दुश्मन के ठिकानों पर हमला करने के लिए लाइव फायर का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह अभ्यास 19 जून तक जारी रहेगा। रूस नाटो के 14 सहयोगियों के रूप में अपनी ताकत बढ़ा रहा है, साथ ही दो नाटो साझेदार देशों - फिनलैंड और स्वीडन - वर्तमान में 5 से 17 जून तक बाल्टिक ऑपरेशन अभ्यास में भाग ले रहे हैं, जिसमें 45 से अधिक जहाज शामिल हैं। 75 विमान और 7,500 कर्मी भी शामिल है।

    कलिनिनग्राद रूसी नौसेना के बाल्टिक सागर बेड़े का मुख्यालय

    कलिनिनग्राद में रूस की नौसेना के बाल्टिक सागर बेड़े का मुख्यालय है। रूस की सेना आए दिन इस सैन्य अड्डे पर अभ्यास करती रहती है। कलिनिनग्राद वर्तमान में रूस के 46 प्रशासनिक क्षेत्रों में से एक है, लेकिन यह एकमात्र ऐसा इलाका है जो रूस की मुख्य भूमि से कोई सीधा जुड़ाव नहीं रखता है। कलिनिनग्राद हमेशा से रूसी साम्राज्य का अंग रहा है।

    कलिनिनग्राद क्षेत्र नाटो (NATO) के खिलाफ रूस का महत्वपूर्ण सैन्य अड्डा

    रूस के लिए कलिनिनग्राद एक ऐसा सैन्य अड्डा है, जो पूरे यूरोप पर भारी पड़ सकता है। रूस इस जगह से बाल्टिक सागर में यूरोपीय और नाटो देशों की आवाजाही को पूरी तरह से रोक सकता है। अगर नाटो के साथ भविष्य में कोई युद्ध होता है तो कलिनिनग्राद रूस के अभियानों के लिए एक महत्वपूर्ण लॉन्चपैड होगा। इसलिए रूस की सेना कलिनिनग्राद में अपनी सैन्य शक्ति को काफी तेजी से बढ़ा रहा है।