क्रीमिया पुल पर हमले के बाद रूस का यूक्रेन पर पलटवार, ओडेसा व माइकोलेव को बनाया निशाना; 70 हजार टन ईंधन नष्ट
रूस के कब्जे वाले क्रीमिया पुल पर हमले के बाद क्रेमलिन आगबबूला हो गया है। रूसी रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि उसकी सेना ने यूक्रेन के दो शहरों को निशाना बनाया है। रूसी मंत्रालय ने कहा कि उसने ओडेसा के पास यूक्रेन के शिप रिपेयर प्लांट पर हमला किया। रूस का विश्वास है कि पुल पर हमले के लिए इस्तेमाल किए गए नौसेना ड्रोन यहीं पर तैयार हुए।

मास्को, रायटर। रूस के कब्जे वाले क्रीमिया पुल पर हमले के बाद क्रेमलिन आगबबूला हो गया है। रूसी रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि उसकी सेना ने यूक्रेन के दो शहरों को निशाना बनाया है।
ओडेसा व माइकोलेव को बनाया निशाना
उन्होंने कहा, यूक्रेनी नौसेना के हेडक्वार्टर ओडेसा और काला सागर स्थित समुद्री बंदरगाह माइकोलेव पर हमला किया गया है। रूस ने कहा कि यूक्रेन का पुल पर हमला करना एक आतंकी कृत्य है, जिसके जवाब में समुद्र आधारित हथियारों का इस्तेमाल किया गया। रूसी सेना आगे भी कार्रवाई के लिए तैयार है।
रूस ने यूक्रेन के शिप रिपेयर प्लांट पर किया हमला
रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसने ओडेसा के पास यूक्रेन के शिप रिपेयर प्लांट पर हमला किया। रूस का विश्वास है कि पुल पर हमले के लिए इस्तेमाल किए गए नौसेना ड्रोन यहीं पर तैयार किए गए। इसके साथ ही कहा कि ओडेसा व माइकोलेव शहर के पास यूक्रेनी सेना के उपकरणों में इस्तेमाल होने वाले 70 हजार टन ईंधन को हमले में नष्ट कर दिया गया। वहीं, क्रीमिया पुल पर एक लेन यातायात के लिए खोल दिया गया है।
यूक्रेन ने 36 में से 31 ड्रोनों को मार गिराया
उधर, यूक्रेन की वायु सेना ने कहा है कि उसने छह कैलिबर क्रूज मिसाइल और 36 में से 31 ड्रोनों को मार गिराया। इनमें से ज्यादातर ओडेसा बंदरगाह और माइकोलेव रीजन में इस्तेमाल किए गए। इससे पहले सोमवार को क्रीमिया पुल पर हमले में रूसी दंपती मारा गया था और उसकी 14 वर्ष की बेटी घायल है।
अनाज निर्यात समझौता तोड़ने पर यूएन ने की रूस की आलोचना
क्रीमिया पुल पर हमले के बाद रूस ने काला सागर के जरिये संयुक्त राष्ट्र समर्थित अनाज निर्यात समझौते को तोड़ दिया है। हालांकि, रूस ने इसका संबंध क्रीमिया पुल पर हमले से नहीं जोड़ा। वहीं, संयुक्त राष्ट्र समेत यूरोप के कई देशों ने अनाज निर्यात समझौता तोड़े जाने की आलोचना की है, कहा, इससे दुनिया में भुखमरी की स्थिति पैदा हो सकती है।
रूस ने कहा कि यूक्रेन निर्यात कर सकता है लेकिन रूस की इसमें भागीदारी नहीं होगी। रूस ने कहा है कि वह अनाज समझौते पर लौट सकता है, लेकिन तभी जब यह हमारे खाद्य और उर्वरकों के निर्यात के हित में होगा।
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