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    रूस ने अमेरिका पर राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप की कोशिश का आरोप लगाया, कहा- किसी भी प्रयास को आक्रामकता मानेंगे

    Updated: Mon, 11 Mar 2024 11:45 PM (IST)

    Russia Election 2024 रूसी विदेशी खुफिया सेवा ने सोमवार को अमेरिका पर राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप की कोशिश का आरोप लगाया है। साथ ही कहा है कि वॉशिंगटन की ऑनलाइन वोटिंग प्रणाली पर साइबर हमले की भी योजना है। हालांकि एजेंसी ने दावों के लिए कोई सुबूत नहीं पेश किया है। इसे लेकर वॉशिंगटन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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    रूस ने अमेरिका पर राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप की कोशिश का आरोप लगाया। (फाइल फोटो)

    रॉयटर्स, मॉस्को। रूसी विदेशी खुफिया सेवा ने सोमवार को अमेरिका पर राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप की कोशिश का आरोप लगाया है। साथ ही कहा है कि वॉशिंगटन की ऑनलाइन वोटिंग प्रणाली पर साइबर हमले की भी योजना है। हालांकि, एजेंसी ने दावों के लिए कोई सुबूत नहीं पेश किया है। इसे लेकर वॉशिंगटन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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    रूस में 15-17 मार्च को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में पुतिन का जीतना लगभग तय है। रूस ने पश्चिम को चेतावनी देते हुए कहा है कि विदेशी शक्तियों द्वारा मतदान में हस्तक्षेप के किसी भी प्रयास को आक्रामकता माना जाएगा। खुफिया सेवा की ओर से कहा गया है कि उनके पास जानकारी है कि बाइडन प्रशासन चुनाव में हस्तक्षेप के लिए तैयार है।

    रूस की मीडिया में केवल राष्ट्रपति पुतिन छाए हुए हैं

    प्रमुख अमेरिकी आईटी विशेषज्ञों की भागीदारी के साथ, दूरस्थ इलेक्ट्रानिक वोटिंग प्रणाली पर साइबर हमले की योजना बनाई गई है, जिससे रूसी मतदाताओं के एक महत्वपूर्ण अनुपात के वोटों की गिनती संभव न हो। वहीं समाचार एजेंसी एपी के अनुसार, रूस में होने वाले चुनाव से पहले वहां की मीडिया में केवल राष्ट्रपति पुतिन छाए हुए हैं।

    ये भी पढ़ें: भारत है दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक देश, रूस से खरीदे सर्वाधिक 36 प्रतिशत हथियार; SIPRI ने अपने रिपोर्ट में किया खुलासा

    मीडिया चैनल पश्चिम-नाटो की आलोचना कर रहे

    मीडिया चैनल पश्चिम और नाटो की आलोचना करते नजर आ रहे हैं। साथ ही आर्थिक प्रतिबंधों के दर्द को सकारात्मक कहानियों में बदला जा रहा है। मीडिया इसकी जानकारी देने से बच रही है कि यूक्रेन में हजारों रूसी सैनिक मारे गए हैं।

    यूक्रेन को सफेद झंडे की नहीं, हथियारों की जरूरत- नाटो

    पोप फ्रांसिस की ओर से यूक्रेन से संघर्ष समाप्त करने के लिए सफेद झंडा उठाने के आह्वान को लेकर क्रेमलिन ने सोमवार को कहा कि युद्ध समाप्त करने के लिए पोप फ्रांसिस का आह्वान समझ में आता है और रूस इसके लिए तैयार है, लेकिन कीव ने अपनी इस गलत सोच के कारण बातचीत से इनकार कर दिया है कि पश्चिम रूस को हरा सकता है।

    यूक्रेन में सफेद झंडा उठाने का साहस होना चाहिए

    फ्रांसिस ने कहा था कि बातचीत के लिए यूक्रेन में सफेद झंडा उठाने का साहस होना चाहिए। इस बीच नाटो प्रमुख स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि यूक्रेन को सफेद झंडों की नहीं, हथियारों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अगर हम बातचीत के जरिए शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं, तो वहां पहुंचने का रास्ता यूक्रेन को सैन्य सहायता है।

    आत्मसमर्पण के बारे में बात करने का समय नहीं

    उन्होंने कहा कि यह आत्मसमर्पण के बारे में बात करने का समय नहीं है। यह यूक्रेनियन के लिए त्रासदी होगी और सभी के लिए खतरनाक होगा। यूक्रेन ने रविवार को पोप फ्रांसिस के आह्वान को खारिज कर दिया था। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा था कि फ्रांसिस आभासी मध्यस्थता में लगे हैं। कीव कभी आत्मसमर्पण नहीं करेगा।

    परमाणु हमले वाली खबर पर टिप्पणी से इनकार

    अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से वर्ष 2022 में यूक्रेन पर संभावित परमाणु हमला किए जाने वाली खबर पर रूस ने टिप्पणी से इनकार कर दिया है। क्रेमलिन के प्रवक्ता ने कहा कि यह अटकलें हैं, जो विभिन्न अखबारों में प्रकाशित हुई हैं। वहीं, हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन के बयान पर टिप्पणी से भी इनकार किया है। ओर्बन ने कहा था कि डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति पद जीतने पर यूक्रेन को रूस से लड़ने में मदद के लिए पैसे नहीं देंगे।