पुतिन के बदल गए तेवर! यूक्रेन के साथ जंग में सीजफायर को लेकर रखा प्रस्ताव; अमेरिका के दबाव का असर
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को वर्षों बाद पहली बार यूक्रेन के साथ सीधी शांति वार्ता की पेशकश की। उन्होंने हालिया 30 घंटे के ईस्टर संघर्षविराम के बाद और सीज़फायर के संकेत दिए हैं। वहीं यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने पश्चिमी देशों के साथ लंदन में बैठक की पुष्टि की है। अमेरिका ने चेतावनी दी है कि जल्द प्रगति नहीं होने पर वह वार्ता से पीछे हट सकता है

रॉयटर्स, मॉस्को। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को पहली बार वर्षों में यूक्रेन के साथ द्विपक्षीय शांति वार्ता का प्रस्ताव रखा। उन्होंने एक दिन की ईस्टर युद्धविराम के बाद भविष्य में और संघर्षविराम के लिए भी तत्परता जताई है। वॉशिंगटन की ओर से शांति के लिए तत्परता दिखाने के दबाव के बीच पुतिन का यह बयान आया है।
इसी बीच, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने पुष्टि की कि यूक्रेन एक प्रतिनिधिमंडल को लंदन भेज रहा है, जहां बुधवार को अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के साथ बैठक होगी। यह लंदन वार्ता पिछले हफ्ते पेरिस में हुई बैठक की अगली कड़ी है, जिसमें तीन साल से अधिक पुराने युद्ध को समाप्त करने के उपायों पर चर्चा हुई थी।
रूसी राज्य टीवी से बात करते हुए पुतिन ने कहा कि शनिवार को घोषित 30 घंटे की ईस्टर संघर्षविराम के बाद फिर से युद्ध शुरू हो गया है। रूस और यूक्रेन दोनों ने एक-दूसरे पर इस संघर्षविराम को तोड़ने का आरोप लगाया है। कीव ने इस संघर्षविराम को शुरू से ही एक प्रचार स्टंट बताया था।
यूक्रेन ने युद्धविराम के उल्लंघन का लगाया आरोप
वॉशिंगटन ने संघर्षविराम के विस्तार का स्वागत किया है। वहीं ज़ेलेंस्की ने सिविलियन इलाकों पर 30 दिन का संघर्षविराम लागू करने की मांग की है। उन्होंने रविवार को हुए रूसी हमलों का हवाला देते हुए कहा कि रूस युद्ध को लम्बा खींचने की मंशा रखता है।
पुतिन ने कहा कि मास्को किसी भी शांति प्रयास के लिए खुला है और वही रवैया कीव से भी अपेक्षित है। क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने इंटरफैक्स न्यूज़ एजेंसी से कहा, “जब राष्ट्रपति ने नागरिक ठिकानों पर हमले न करने पर बातचीत की बात कही, तो उसका मतलब यूक्रेन के साथ सीधी वार्ता था।”
हालांकि ज़ेलेंस्की ने पुतिन के इस द्विपक्षीय वार्ता के प्रस्ताव पर कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं दी। उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लंदन वार्ता की घोषणा करते हुए कहा, “यूक्रेन, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस और अमेरिका हम पहले की तरह रचनात्मक तरीके से आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं, ताकि बिना शर्त संघर्षविराम हो और एक स्थायी शांति स्थापित हो सके।”
ट्रंप की चेतावनी और रूस की सख्त मांगें
सोमवार को ज़ेलेंस्की ने कहा कि उनकी सेनाएं रूसी सेना की गतिविधियों के अनुरूप प्रतिक्रिया देंगी। उन्होंने एक्स पर लिखा, “यूक्रेन की प्रतिक्रिया हमेशा प्रतीकात्मक होगी: संघर्षविराम का जवाब संघर्षविराम से और हमलों का जवाब हमारी रक्षा से दिया जाएगा। कार्रवाई, शब्दों से ज्यादा बोलती है।”
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि अगर वार्ता में जल्द प्रगति नहीं हुई तो अमेरिका इनसे हट सकता है। हालांकि, ट्रंप ने रविवार को आशावादी स्वर में कहा, “उम्मीद है कि दोनों पक्ष इस सप्ताह समझौता कर लेंगे।”
रूस अब भी अपनी पुरानी मांगों पर अड़ा हुआ है, जिनमें पुतिन द्वारा दावा किए गए सभी क्षेत्रों पर यूक्रेन का अधिकार छोड़ना और स्थायी रूप से तटस्थ बने रहना शामिल है। यूक्रेन ने इसे आत्मसमर्पण और भविष्य में रूस से खुद को असुरक्षित छोड़ देने जैसा बताया है।
पेस्कोव ने ट्रंप की संभावित डील पर कोई समयसीमा टिप्पणी करने से इनकार किया। उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति पुतिन और रूसी पक्ष शांति समाधान की खोज के लिए अब भी खुले हैं। हम अमेरिकी पक्ष के साथ काम कर रहे हैं और आशा है कि इससे सकारात्मक नतीजे निकलेंगे।”
सीमावर्ती क्षेत्रों में संघर्षविराम के बावजूद भारी हमला
रविवार को यूक्रेन में कोई हवाई हमले की चेतावनी नहीं दी गई, लेकिन यूक्रेनी बलों ने बताया कि रूस द्वारा घोषित संघर्षविराम का लगभग 3,000 बार उल्लंघन किया गया। सबसे भारी हमले पोक्रोव्स्क क्षेत्र में हुए। ज़ेलेंस्की ने सोमवार को कहा कि यह संघर्षविराम सिर्फ नाम का था।
रूस के रक्षा मंत्रालय ने रविवार को कहा कि यूक्रेनी सेनाओं ने 444 बार रूसी ठिकानों पर हमला किया और 900 से अधिक ड्रोन हमलों की जानकारी दी। मंत्रालय ने यह भी दावा किया कि इन हमलों में नागरिकों की मौतें और घायल होने की घटनाएं हुई हैं। रॉयटर्स स्वतंत्र रूप से इन युद्ध मैदान से जुड़े दावों की पुष्टि नहीं कर पाया।
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