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    Russia: 'तो हमारी सैकड़ों मिसाइलें हवा में...', पुतिन ने रूस पर परमाणु खतरे को लेकर दुनिया को चेतावनी दी

    By Jagran NewsEdited By: Abhinav Atrey
    Updated: Fri, 06 Oct 2023 09:28 AM (IST)

    रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को कहा कि रूस ने एक शक्तिशाली नई रणनीतिक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। उन्होंने इस संभावना से इनकार किया है कि रूस तीन दशकों से ज्यादा समय में पहली बार परमाणु विस्फोट वाले हथियार परीक्षण कर सकता है। पुतिन ने यूक्रेन पर हमला करने के बाद से कई मौकों पर दुनिया को बार-बार परमाणु ताकत की याद दिलाई है।

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    रूस ने दुनिया को बार-बार अपनी परमाणु ताकत की याद दिलाई है (फाइल फोटो)

    रॉयटर्स, मॉस्को। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को कहा कि रूस ने एक शक्तिशाली नई रणनीतिक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। उन्होंने इस संभावना से इनकार किया है कि रूस तीन दशकों से ज्यादा समय में पहली बार परमाणु विस्फोट वाले हथियार परीक्षण कर सकता है।

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    पुतिन ने पहली बार स्वीकार करते हुए कहा कि मॉस्को ने हजारों मील की रेंज तक मार करने वाली परमाणु-संचालित और परमाणु-सक्षम क्रूज मिसाइल ब्यूरवेस्टनिक का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। उन्होंने विश्लेषकों और पत्रकारों की एक सालाना सभा में यह भी कहा कि रूस ने अपने सरमाट अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम पर काम लगभग पूरा कर लिया है। यह सिस्टम नई पीढ़ी के परमाणु हथियारों का एक प्रमुख तत्व है।

    रूस ने दुनिया को बार-बार परमाणु ताकत की याद दिलाई

    बता दें कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन पर हमला करने के बाद कई मौकों पर दुनिया को बार-बार परमाणु ताकत की याद दिलाई है। दुनिया के बढ़ते दबाव के बाद पुतिन ने कहा था कि सही दिमाग वाला कोई भी व्यक्ति रूस के खिलाफ परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं करेगा। पुतिन के इस बयान को चेतावनी के तौर पर देखा गया था।

    हमारी सैकड़ों की संख्या में इतनी मिसाइलें हवा में दिखाई देंगी- पुतिन

    पुतिन ने कहा था कि अगर रूस पर परमाणु हमले होते हैं तो, "हमारी सैकड़ों की संख्या में इतनी मिसाइलें हवा में दिखाई देंगी कि एक भी दुश्मन के बचने की संभावना नहीं होगी।" दरअसल, सोवियत संघ के टूटने से एक साल पहले साल 1990 के बाद से रूस ने कोई परमाणु परीक्षण नहीं किया है, लेकिन पुतिन ने कहा कि वह इस तरह के परीक्षण फिर से शुरू कर सकते हैं।

    उन्होंने कहा कि अमेरिका ने परमाणु परीक्षणों पर प्रतिबंध लगाने वाली संधि का समर्थन नहीं किया है, जबकि रूस ने इस पर हस्ताक्षर और समर्थन दोनों किया है। वहीं, सैन्य विश्लेषकों का मानना है कि रूस और अमेरिका द्वारा परमाणु परीक्षण फिर से शुरू करना ऐसे समय में अत्यधिक अस्थिर करने वाला होगा जब दोनों देशों के बीच तनाव पिछले 60 सालों में सबसे ज्यादा है।

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