1.80 करोड़ कोरोना टेस्ट और 6 लाख से अधिक मरीज, 8781 लोगों की जा चुकी है जान!
रूस में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। यहां पर इसकी शुरुआत से लेकर अब तक एक करोड़ 80 लाख से अधिक लोगों के टेस्ट किए जा चुके है।
मास्को (एएनआई/रॉयटर्स)। जानलेवा कोरोना वायरस की मार झेल रहे रूस में इसकी शुरुआत से लेकर अब तक करीब 1 करोड़ 80 लाख से अधिक टेस्ट किए जा चुके हैं। रूस की पब्लिक हैल्थ वाचडॉग Rospotrebnadzor के मुताबिक 3 लाख से अधिक लोगों को संदिग्ध मानते हुए उनकी मेडिकल मॉनिटरिंग की जा रही है। रूस में लगातार इसके मरीजों का कुल आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। हालांकि शुक्रवार को देश में 6800 नए मामले सामने आए जो कि अप्रैल से अब तक के बीच सबसे निचला स्तर है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल से हर रोज सात हजार से अधिक मामले सामने आ रहे थे। इन नए मामलों के साथ ही रूस में जानलेवा कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या 620,794 तक जा पहुंची है। यहां पर इस जानलेवा वायरस की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या भी 8781 तक जा पहुंची है। बीते 24 घंटों के दौरान रूस में 176 मरीजों ने दम तोड़ दिया।
बीते 14 घंटे के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमित जो मरीज सामने आए हैं उनमें 813 मास्को, 390 मास्को रीजन और 295 खांटी मांसी ऑटोनॉमस एरिया से शामिल हैं। यहां पर एक दिन पहले इससे ज्यादा मरीज सामने आए थे, जैसे मास्को से 885, मास्को रीजन से 467 और खांटी मांसी ऑटोनॉमस रीजन से 319 मरीज आए थे। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक रूस में इस वायरस से संक्रमित 384152 मरीजों को ठीक होने के बाद विभिन्न अस्पतालों से डिस्चार्ज कर घर भेज दिया गया है। बीते 24 घंटों में ही 6343 मरीजों को अस्पतालों से छुट्टी दी गई है।
रूस के कोरोना वायरस रेस्पॉन्स सेंटर के मुताबिक इस जानलेवा वायरस की चपेट में आने वाले करीब 1941 मरीज ऐसे हैं जो इसके पॉजीटिव पाए गए हैं लेकिन उनमें इसके लक्षण दिखाई नहीं दे रहे थे। ऐसे मरीजों को एसिंप्टोमेटिक (asymptomatic patient) मरीज कहा जाता है। इन मरीजों में बीमारी के शुरुआती लक्षण तो दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन ये उससे संक्रमित होते हैं। इनके संक्रमित होने की पुष्टि केवल इनकी जांच करके ही हो सकती है। एसिंप्टोमेटिक मरीजों को लेकर कोरोना वायरस के शुरुआत में ये तक सामने आया था कि ऐसे मरीज दूसरों के लिए खतरा बन सकते हैं। लेकिन बाद में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबल्यूएचओ) ने कहा कि बिना लक्षण वाले मरीजों से किसी दूसरे व्यक्ति के संक्रमित होने की संभावना काफी कम होती है। ऐसा बेहद दुर्लभ मामलों में होता है।
डब्ल्यूएचओ में कोरोना वायरस रेस्पांस की चीफ मारिया वेन करखोव ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि डब्ल्यूएचओ को मिले आंकड़ों से पता चलता है कि ऐसा बेहद कम मामलों में होता है कि जब बिना लक्षण वाला व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को संक्रमित करे। उन्होंने ये बयान कई देशों से मिली रिपोर्ट के आधार पर दिया था। इसमें पाया गया कि ज्यादातर मामलों में लक्षण वाले मरीजों के संपर्क में दूसरे व्यक्तियों के सीधे संपर्क में आने से ये फैला। जून की शुरुआत में हैदराबाद में सीएसआइआर-सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी के निदेशक राकेश मिश्रा ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा था कि किसी व्यक्ति में कोरोना के कोई भी लक्षण महसूस नहीं होते हैं तो उन्हें कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है।
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