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    दुनिया भर में घट रही है प्रजनन दर, रूस ही नहीं ये देश भी बच्चे पैदा करने के लिए दे रहे हैं प्रोत्साहन

    Updated: Sun, 06 Jul 2025 07:16 AM (IST)

    रूस की जनसांख्यिकीय स्थिति अत्यंत गंभीर है लेकिन जन्म दर में गिरावट अब एक वैश्विक प्रवृत्ति बन गई है। अनुमान है कि 2050 तक दुनिया के तीन चौथाई से अधिक देशों में इतनी कम प्रजनन दर होगी कि वे अपनी जनसंख्या को बनाए नहीं रख पाएंगे।पुतिन अकेले नहीं हैं। विश्व के अन्य नेता भी महिलाओं को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करने वाली नीतियां लागू कर रहे हैं।

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    रूस ही नहीं ये देश भी बच्चे पैदा करने के लिए दे रहे हैं प्रोत्साहन (सांकेतिक तस्वीर)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रूस के कुछ हिस्सों में गर्भवती होने वाली स्कूल की लड़कियों को एक लाख रूबल (करीब 1,08,500 रुपये से) अधिक का भुगतान किया जा रहा है, ताकि वे बच्चों को जन्म दें और उनका पालन-पोषण करें। इसे प्रोनैटलिज्म कहा जाता है।

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    यह प्रोत्साहन रूस की नई जनसांख्यिकीय रणनीति का हिस्सा है। यह नीति मार्च 2025 में वयस्क महिलाओं के लिए लागू की गई थी और इसका उद्देश्य देश की जन्म दर में हो रहे नाटकीय गिरावट पर अंकुश लगाना है।

    रूस में है जनसंख्या का संकट

    2023 में रूस में प्रति महिला जन्म की संख्या 1.41 थी, जो जनसंख्या को स्थिर रखने के लिए जरूरी 2.05 के स्तर से काफी कम है। किशोर लड़कियों को बच्चों को जन्म देने के लिए पैसे देना रूस में विवादास्पद है।

    हालिया सर्वेक्षण के अनुसार, 43 प्रतिशत रूसी नागरिकों ने इस नीति का समर्थन किया है, जबकि 40 प्रतिशत इसके खिलाफ हैं। यह इस बात का संकेत है कि राज्य बच्चों की संख्या बढ़ाने को कितनी प्राथमिकता देता है।

    युद्ध की वजह से घटी रूस की जनसंख्या

    रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक बड़ी जनसंख्या को एक समृद्ध महान शक्ति के संकेतों में से एक मानते हैं। हालांकि, यूक्रेन पर हमले और उसके क्षेत्र पर कब्जा करने के प्रयासों ने रूस की जनसंख्या को घटाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। युद्ध में मारे गए रूसी सैनिकों की संख्या 2,50,000 तक पहुंच गई है। हालांकि युद्ध की वजह से बड़ी संख्या में शिक्षित रूसी नागरिक देश छोड़ की चले गए हें।

    दुनिया भर में घट रही है प्रजनन दर

    रूस की जनसांख्यिकीय स्थिति अत्यंत गंभीर है, लेकिन जन्म दर में गिरावट अब एक वैश्विक प्रवृत्ति बन गई है। अनुमान है कि 2050 तक दुनिया के तीन चौथाई से अधिक देशों में इतनी कम प्रजनन दर होगी कि वे अपनी जनसंख्या को बनाए नहीं रख पाएंगे।

    ये देश भी दे रहे हैं प्रोत्साहन

    पुतिन अकेले नहीं हैं। विश्व के अन्य नेता भी महिलाओं को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करने वाली नीतियां लागू कर रहे हैं। हंगरी में विक्टर ओर्बन की सरकार तीन या अधिक बच्चों वाले परिवारों को कर में छूट और सब्सिडी जैसे प्रोत्साहन दे रही है। पोलैंड में दो या अधिक बच्चों वाले परिवारों को प्रति बच्चे 500 ज्लाटी (£101) का मासिक भुगतान किया जाता है।

    अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप महिलाओं को बच्चे पैदा करने के लिए 5,000 डलर भुगतान करने का प्रस्ताव दे रहे हैं। उनका यह प्रस्ताव मेक अमेरिका ग्रेट अगेन को बढ़ावा देने से जुड़ा है। एलन मस्क और दूसरे लोगों ने भी इसका समर्थन किया है। इस प्रयास का मकसद महिलाओं को बड़े परिवार के लिए प्रेरित करना है।

    आसान नहीं गिरावट को थामना

    विश्व में प्रोनैटलिज्म की नीतियों का प्रभाव मिश्रित रहा है। कोई भी देश जन्म दर में गिरावट को उलटने का आसान तरीका नहीं खोज पाया है। स्पेन जैसे कुछ देश जनसंख्या में गिरावट की समस्या से निपटने के लिए प्रवासियों के लिए नागरिकता की प्रक्रिया को आसान बना रहे हैं।

    सरकारें इसलिए भी अपनानी है प्रोत्साहन की नीतियां

    सरकारें केवल जनसंख्या बढ़ाने के लिए ही नहीं, बल्कि कुछ विशेष प्रकार के नागरिकों को प्रजनन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए प्रोनैटलिज्म की नीतियों को अपनाती हैं। ये प्रोत्साहन अक्सर उन लोगों को दिए जाते हैं जिन्हें राज्य अपने लिए महत्वपूर्ण नागरिक मानता है। प्रोनैटलिज्म की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि सरकारें लोगों, विशेष रूप से महिलाओं को मातृत्व अपनाने के लिए कैसे प्रेरित करती हैं।