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    Luna 25 के क्रैश की कहानी, रूसी स्पेस एजेंसी प्रमुख की जुबानी; पढ़ें रूस के मून मिशन की असफलता का मुख्य कारण

    By AgencyEdited By: Mahen Khanna
    Updated: Tue, 22 Aug 2023 02:31 PM (IST)

    Luna 25 Crash Reason लूना 25 क्रैश के बाद रूसी अंतरिक्ष एजेंसी प्रमुख का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष यान क्यों क्रैश हो गया था और इसकी असफलता का मुख्य कारण क्या है। यूरी बोरिसोव ने इसी के साथ कहा कि किसी भी स्थिति में मून मिशन को बाधित नहीं किया जाना चाहिए यह सबसे खराब फैसला होगा।

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    Luna 25 Crash Reason: लूना के क्रैश का कारण पता चला।

    नई दिल्ली, एजेंसी। रूसी अंतरिक्ष यान 'लूना 25' के क्रैश होने के साथ ही रूस का मून मिशन भी फेल हो चुका है। अब रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोसमोस द्वारा मिशन 'लूना 25' के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद, मून मिशन में बने रहने की बात कही है। एजेंसी के प्रमुख ने इसी के साथ मिशन के फेल होने का कारण भी बताया है।

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    'मून मिशन रोकना सबसे खराब फैसला होगा'

    समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, एक रूसी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में एजेंसी के प्रमुख यूरी बोरिसोव ने कहा कि किसी भी स्थिति में मून मिशन को बाधित नहीं किया जाना चाहिए, यह सबसे खराब फैसला होगा। 

    रोस्कोसमोस प्रमुख ने क्या कहा 

    बोरिसोव ने इसी के साथ लूना 25 के दुर्घटनाग्रस्त होने का कारण भी बताया। उन्होंने मिशन की विफलता के लिए चांद पर खोज अभियान पर देश के दशकों लंबे ठहराव को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, 

    लगभग 50 वर्षों तक मून मिशन को बाधित करना लूना 25 की विफलता का मुख्य कारण है। हमारे पूर्ववर्तियों ने 1960 और 1970 के दशक में जो अमूल्य अनुभव अर्जित किया था, वह कार्यक्रम के रुकावट के दौरान व्यावहारिक रूप से खो गया था।

    Luna 25 के क्रैश होने ये था मुख्य कारण

    मिशन के प्रारंभिक विश्लेषण से पता चला कि ऑर्बिट बदलते समय वास्तविक और गणना किए गए मापदंडों के बीच अंतर के कारण अंतरिक्ष यान एक अनपेक्षित ऑर्बिट में चला गया, जिसके परिणामस्वरूप चंद्र सतह के साथ इसकी टक्कर हुई और ये क्रैश हो गया। जिस इंजन को अंतरिक्ष यान को लैंडिंग से पहले की कक्षा में स्थापित करना था, उसने नियोजित 84 सेकंड के बजाय 127 सेकंड तक काम किया। यह क्रैश होने का मुख्य कारण था।

    10 अगस्त को लॉन्च हुआ था लूना 25

    रोस्कोस्मोस ने सोवियत संघ-युग के चंद्र अन्वेषण मिशनों को पुनर्जीवित करते हुए 10 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के लिए अपना मून मिशन लूना 25 लॉन्च किया था। मिशन का उद्देश्य चंद्र ध्रुवीय रेजोलिथ (सतह सामग्री) की संरचना और चंद्र ध्रुवीय बाह्यमंडल के प्लाज्मा और चांद के सतह की मिट्टी का अध्ययन करना था।

    लूना को भारत के चंद्रयान 3 से पहले, 21 अगस्त को चांद पर लैंडिंग का प्रयास करना था। हालांकि, 21 अगस्त से पहले ही ये क्रैश हो गया।