Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जानिए रूस ने क्यों रखा कोरोना वैक्सीन का नाम स्पूतनिक-5, क्या है इसके पीछे की वजह

    By Vinay TiwariEdited By:
    Updated: Wed, 09 Sep 2020 03:34 PM (IST)

    अब लोगों के मन में ये सवाल भी उठ रहा है कि आखिर रूस ने कोरोना वायरस से जुड़ी वैक्सीन का नाम स्पूतनिक-5 क्यों रखा इसके पीछे क्या वजह हो सकती है।

    जानिए रूस ने क्यों रखा कोरोना वैक्सीन का नाम स्पूतनिक-5, क्या है इसके पीछे की वजह

    नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। दुनिया कोरोना वायरस से परेशान है। जब से दुनिया के सामने इसका नाम आया है और इसके संक्रमण के बारे में पता चला है तभी से इसकी वैक्सीन बनाने में वैज्ञानिक लगे हुए हैं मगर अब तक ऐसी कोई वैक्सीन सामने नहीं आ सकी है जो दुनिया के वैज्ञानिकों के लिए सर्वमान्य हो।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    फिलहाल महामारी के बीच रूस ने दुनिया की पहली कोरोना वायरस वैक्‍सीन को मंजूरी दे दी है। इसे गामलेया रिसर्च इंस्टिट्यूट ने एडेनोवायरस को बेस बनाकर यह वैक्‍सीन तैयार की है। रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने इस वैक्सीन का नाम स्पूतनिक-5 रखा है। अब लोगों के मन में ये सवाल भी उठ रहा है कि आखिर रूस ने कोरोना वायरस से जुड़ी वैक्सीन का नाम स्पूतनिक-5 क्यों रखा, इसके पीछे क्या वजह हो सकती है। हम आपको इस खबर के माध्यम से बताते हैं कि रूस ने जो कोरोना वायरस वैक्सीन बनाई है उसका नाम स्पूतनिक-5 क्यों रखा। 

    वैक्सीन का नाम स्पूतनिक 5 (Sputnik V) क्यों रखा गया

    रुस ने अंतरिक्ष में जो अपनी पहली सेटेलाइट छोड़ी थी, उसका नाम भी स्पूतनिक था। रुसी अंतरिक्ष एजेंसी ने 1957 में इसे लॉन्च किया था। बताया जाता है कि उन दिनों बी अमेरिका और रूस में स्पेस में सेटेलाइट भेजने को लेकर एक होड़ सी मची हुई थी। मगर कामयाबी रूस को मिली थी। अब एक बार फिर कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर अमेरिका और रूस में एक तरह से प्रतियोगिता चल रही थी।

    इस बात का कंपटीशन था कि दोनों में से कौन पहले वैक्सीन का निर्माण कर लेता है। अब रूस ने इसमें भी बाजी मारने की बात कही है। इस वजह से रूस ने इस वैक्सीन का भी नाम स्पूतनिक-5 रखा है। चूंकि अंतरिक्ष में सेटेलाइट लॉन्च करके एक बार रूस अमेरिका को नंबर सेकंड बना चुका है, इस वजह से इस बार भी उसका इरादा कुछ ऐसा ही है, इसी को ध्यान में रखकर रूस ने इस कोरोना वायरस वैक्सीन का नाम भी स्पूतनिक-5 रखकर अमेरिका को चिढ़ाने की कोशिश की है।

    उठ रहे सवाल 

    रुस ने कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक 5 (Sputnik V) को मंजूरी तो दे दी है। ऐसा भी कहा जा रहा है कि अक्टूबर से वैक्सीनेशन प्रोग्राम भी शुरू हो जाएगा। अब इस वैक्सीन को लेकर मेडिकल एक्सपर्ट्स सवाल भी उठा रहे हैं। उनका कहना है कि रूस ने इस वैक्सीन को तैयार करने में कुछ महत्वपूर्ण चरणों को दरकिनार किया है। ऐसे में इस वैक्सीन का असर क्या होगा, और यह कितना कारगर साबित होता है, ये सवाल में उठ रहे हैं। इस वैक्सीन को लेकर अमेरिका समेत कई देशों ने संदेह भी जताया है। 

    नंबर वन बनना चाहता है रूस

    रूस स्पूतनिक-5 वैक्सीन को खोजने के बाद विश्व में खुद को नंबर घोषित करना चाहता है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन लगातार यह संदेश दे रहे हैं कि रूस विश्व का पहला देश बन गया है, जिसने कोरोना वैक्सीन को तैयार किया है। पुतिन इससे पहले तो यहां तक कह चुके हैं कि सेफ्टी को लेकर कोई खिलवाड़ नहीं किया गया है। उधर राजनीतिक जानकारों का कहना है कि रूस द्वारा वैक्सीन तैयार कर लिए जाने के कारण दूसरे देशों की सरकार पर दबाव काफी बढ़ गया है।

    हर देश जल्द से जल्द वैक्सीन तैयार करना चाह रहा है। जल्दबाजी में संभव है कि वैक्सीन तैयार करने के महत्वपूर्ण चरणों को छोड़ दिया जाए, जिसके परिणाम आने वाले समय में दिखेंगे। अगर रूस की वैक्सीन किसी तरह का खतरा पैदा करती है तो लोगों का विश्वास टूट जाएगा जो अकेले कुछ देशों के लिए ही नहीं बल्कि विश्व के लिए बहुत बड़ा नुकसान होगा।