भारत-रूस सैन्य सहयोग को नई मजबूती, पुतिन ने अहम रक्षा समझौते को दी मंजूरी
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत के साथ हुए सैन्य समझौते को संघीय कानून के रूप में मंजूरी दी, जिससे दोनों देशों के रक्षा सहयोग को मजबूती मिलेगी ...और पढ़ें

पुतिन ने भारत के साथ सैन्य समझौते को दी मंजूरी। फाइल फोटो
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत के साथ किए गए एक अहम सैन्य समझौते को संघीय कानून के रूप में मंजूरी दे दी है। इस कदम के साथ ही भारत-रूस रक्षा सहयोग को नई मजबूती मिली है।
इससे पहले रूसी संसद के दोनों सदनों, स्टेट ड्यूमा और फेडरेशन काउंसिल, ने इस समझौते को अनुमोदन दे दिया था।
दोनों देशों के बीच पारस्परिक लाजिस्टिक समर्थन आदान-प्रदान समझौता (आरईएलओएस) इस साल की शुरुआत में हस्ताक्षरित किया गया था।
पुतिन ने भारत के साथ सैन्य समझौते को दी मंजूरी
यह समझौता रूस और भारत के सैन्य दस्तों, युद्धपोतों और सैन्य विमानों की एक-दूसरे के क्षेत्र में तैनाती और उन्हें लाजिस्टिक सहायता देने की प्रक्रिया तय करता है।
रूसी कैबिनेट के अनुसार, यह केवल सैनिकों और उपकरणों की आवाजाही ही नहीं, बल्कि उनके रखरखाव और आपूर्ति व्यवस्था को भी नियमित करेगा।
रक्षा सहयोग को मिलेगी नई मजबूती
समझौते के तहत यह प्रक्रिया संयुक्त सैन्य अभ्यासों, प्रशिक्षण कार्यक्रमों, मानवीय सहायता, आपदा राहत अभियानों और आपसी सहमति से अन्य परिस्थितियों में लागू की जा सकेगी।
रूसी सरकार का कहना है कि इससे दोनों देशों के युद्धपोतों को एक-दूसरे के बंदरगाहों पर ठहरने और हवाई क्षेत्र के उपयोग में भी सहूलियत मिलेगी।
लाजिस्टिक समर्थन आदान-प्रदान समझौते पर हुए हस्ताक्षर
विशेषज्ञों के अनुसार, यह रक्षा समझौता भारत और रूस के बीच दीर्घकालिक सैन्य साझेदारी को और मजबूत करेगा तथा क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर रणनीतिक सहयोग को नया आयाम देगा।
हालांकि, यह समझौता दोनों देशों द्वारा अनुमोदन पत्रों के औपचारिक आदान-प्रदान के बाद ही प्रभावी होगा।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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