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    'भारत लाभकारी स्रोतों से तेल खरीदने के लिए स्वतंत्र', पुतिन के दौरे के बाद क्रेमलिन का बड़ा बयान 

    Updated: Mon, 08 Dec 2025 10:30 PM (IST)

    क्रेमलिन के अनुसार, भारत एक संप्रभु राष्ट्र है और अपने लाभ के लिए किसी भी स्रोत से तेल खरीद सकता है। रूस ने विश्वास जताया कि भारत अपनी आर्थिक हितों की ...और पढ़ें

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    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। क्रेमलिन ने सोमवार को कहा कि भारत एक संप्रभु राष्ट्र है और उन स्रोतों से तेल खरीदने के लिए स्वतंत्र है जिन्हें वह फायदेमंद मानता है। रूस ने विश्वास व्यक्त किया कि नई दिल्ली अपने आर्थिक हितों को सुनिश्चित करने की नीति पर कायम रहेगी।

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    6 अगस्त को अमेरिका ने रूस से तेल और पेट्रोलियम उत्पादों की खरीद के लिए भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया। अगस्त के अंत में भारतीय वस्तुओं और सेवाओं के आयात पर अमेरिकी टैरिफ 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया था।

    क्या भारत जारी रखेगा रूस से तेल खरीदना?

    नई दिल्ली में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के बीच पिछले शुक्रवार की शिखर वार्ता के मद्देनजर क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने संवाददाताओं से कहा, "एक संप्रभु राष्ट्र होने के नाते और भारत, विदेशी व्यापार संचालन करता है और ऊर्जा संसाधनों की खरीद करता है जहां यह उसके लिए फायदेमंद है।"

    प्रधान मंत्री मोदी के साथ अपनी बातचीत के बाद बोलते हुए, रूसी नेता ने आश्वासन दिया कि मॉस्को भारत का विश्वसनीय ऊर्जा आपूर्तिकर्ता बना रहेगा। जब पेसकोव से पूछा गया कि क्या भारत रूस से ईंधन खरीदना जारी रखेगी, तो उन्होंने कहा, "और, जहां तक हम समझते हैं, हमारे भारतीय साझेदार अपने आर्थिक हितों को सुनिश्चित करने के लिए इस लाइन को जारी रखेंगे।"

    पश्चिमी देश बढ़ा रहे भारत पर दबाव

    2022 में यूक्रेनी संघर्ष शुरू होने के बाद भारत रूसी तेल के सबसे बड़े खरीदारों में से एक बन गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पश्चिम के दबाव में भारत अपने तेल आयात में रूसी कच्चे तेल की हिस्सेदारी कम कर रहा है। क्रेमलिन के आर्थिक सहयोगी मैक्सिम ओरेश्किन ने राष्ट्रीय प्रसारक चैनल 1 से बात करते हुए कहा, "मॉस्को के पास प्रतिबंधों से बचने का एक लंबा अनुभव है और अगर भारत इच्छुक है, तो हम कच्चे तेल की आपूर्ति के तरीके ढूंढेंगे।"

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