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    आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए 2023 में बढ़ेंगी मुश्किलें, विश्लेषकों ने दी दिवालिया होने की चेतावनी

    By Jagran NewsEdited By: Jagran News Network
    Updated: Sat, 28 Jan 2023 01:33 PM (IST)

    Pakistan News आपूर्ति श्रृंखलाओं के टूटने के कारण पाकिस्तान में कारोबार बंद होने का खतरा है। घरेलू स्तर पर निर्मित सामान आयातित कच्चे माल पर ही निर्भर हैं। पाकिस्तान में कपड़ा उद्योग भी गंभीर स्थिति में है। इसके अलावा खाद्य वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं।

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    Pakistan PM Shehbaz Sharif and Economic Crisis

    इस्लामाबाद, एएनआई। Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है। इस हालात से उबरने के लिए वो दुनियाभर में भीख मांग रहा है। 2023 पाकिस्तान के लिए गंभीर चुनौतियों वाला साल साबित हो सकता है। विश्लेषक अब चेतावनी दे रहे हैं कि पाकिस्तान (Pakistan) कभी भी दिवालिया हो सकता है। रिपोर्टों से पता चला है कि 9,000 से अधिक कंटेनर विभिन्न पाकिस्तानी बंदरगाहों पर फंसे हुए हैं। जिससे आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बाधित होने का खतरा है। देश में महंगाई दर करीब 30 फीसदी तक पहुंच गई है। इसके अलावा खाद्य वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं।

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    समय से नहीं हो रहा भुगतान

    हालात ये हैं कि बंदरगाहों में फंसे कंटेनरों की निकासी नहीं कर पा रही है। शिपिंग कंपनियां समय पर भुगतान ना करने की वजह से पाकिस्तान के संचालन को निलंबित करने की धमकी दे रही हैं। अगर ऐसा होता है तो इससे आयात और निर्यात दोनों पर बुरा असर पड़ेगा। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के पास विदेशी मुद्रा भंडार में केवल 4.4 बिलियन डॉलर रह गया है जो मुश्किल से तीन सप्ताह के लिए पर्याप्त है। वहीं, कंटेनरों को खाली करने के लिए लगभग डेढ़ से दो बिलियन डॉलर की आवश्यकता है।

    अस्पतालों में दवा की कमी

    आपूर्ति श्रृंखलाओं के टूटने के कारण पाकिस्तान में कारोबार बंद होने का खतरा है क्योंकि घरेलू स्तर पर निर्मित सामान आयातित कच्चे माल पर ही निर्भर हैं। पाकिस्तान में कपड़ा उद्योग भी गंभीर स्थिति में है। ये उद्योग अंतरराष्ट्रीय खरीदारों के बीच विश्वसनीयता और बाजार हिस्सेदारी खो रहा है। इसके अलावा, पाकिस्तान के अस्पतालों में दवाओं की कमी हो रही है। वहीं, जल्द ही गेहूं, खाद और पेट्रोल जैसी चीजें भी खत्म हो सकती हैं।

    सरकार ने लोगों से मांगी सहायता

    इस बीच, प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने लोगों से अपने आयात बिल को कम करने में सरकार की सहायता के लिए पानी, गैस और बिजली जैसे संसाधनों का संरक्षण करने के लिए कहा है। बता दें कि शरीफ के नेतृत्व वाली पाकिस्तान सरकार कर्ज पाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की सभी शर्तों को पूरा करने पर सहमत हो गई है। शरीफ ने 24 जनवरी को कहा था कि पाकिस्तान का सत्तारूढ़ गठबंधन पैसे के लिए आईएमएफ की कड़ी शर्तों को स्वीकार करके देश की खातिर अपने राजनीतिक करियर का त्याग करने के लिए तैयार है।

    राजनीतिक दलों और लोगों के बीच टूटा संपर्क

    गौरतलब है कि पाकिस्तान के पूर्व सीनेटर मुस्तफा नवाज खोखर ने हाल ही में कहा था कि पाकिस्तान राजनीतिक और नैतिक रूप से दिवालिया हो गया है। खोखर ने क्वेटा में राष्ट्रीय संवाद के दूसरे सत्र को संबोधित करते हुए कहा था कि आज भी लोगों को वो सच नहीं बताया जा रहा है जिसकी देश को जरूरत है। सम्मेलन के दौरान पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के पूर्व नेता ने ये भी कहा कि देश के लोगों और राजनीतिक दलों के बीच संपर्क टूट गया है। पनामा पेपर्स और तोशखाना मामले जैसे अप्रासंगिक राजनीतिक प्रवचनों में लगे रहने के बजाय लोगों के मुद्दों को संबोधित करने की आवश्यकता है।

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