अमेरिका का हीरो, पाकिस्तान का दुश्मन... कौन है वो डॉक्टर, जिसने US को बताया था ओसामा बिन लादेन का पता
साल 2011 में अमेरिका ने अल-कायदा के सह-संस्थापक ओसामा बिन लादेन को मार गिराया था। ओसामा को पकड़वाने में मदद करने वाले डॉक्टर शकील अफरीदी की रिहाई के लिए पाकिस्तान की एक अदालत में सुनवाई हुई। अमेरिका डॉक्टर अफरीदी को हीरो मानता है। उन्हें 23 साल की सजा सुनाई गई थी। अब देखना होगा कि अदालत इस मामले में क्या फैसला सुनाती है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका ने साल 2011 में अल-कायदा के सह-संस्थापक और 9/11 के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन (Osama Bin Laden) को मार गिराया था। अमेरिकी सेना ने पाकिस्तान के एबटाबाद में " वजीरिस्तान हवेली " में ओसामा बिन लादेन को गोली मारकर हत्या कर दी।
इस घटना ने पूरी दुनिया को यह बता दिया कि पाकिस्तान आतंकियों का पनाहगार है। इतना ही नहीं चाहे मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड और आतंकी संगठन, लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक, हाफिज सईद हो या 'जैश-ए-मोहम्मद' आतंकी संगठन का संस्थापक, मसूद अजहर हो। ये सभी पाकिस्तान सरकार की सुरक्षा में खुले घूम रहे हैं।
शकील अफरीदी ने की थी अमेरिका की मदद
वहीं, पाकिस्तान दुनिया में एकमात्र ऐसा देश हो जहां, आतंकियों के खिलाफ आवाज उठाने वालों को कड़ी सजा दी जाती है। दरअसल, पाकिस्तान की एक अदालत में बुधवार को एक डॉक्टर की अर्जी पर सुनवाई होनी है। मामला डॉक्टर की रिहाई का है। डॉक्टर का नाम शकील अफरीदी (Shakeel Afridi) है, जिन्होंने ओसामा बिन लादेन को पकड़वाने में अमेरिका की मदद की थी।
डॉ शकील अफरीदी पर साल 2011 में ओसामा बिन लादेन को मारने वाले अमेरिकी ऑपरेशन में मदद पहुंचाने का आरोप है। हालांकि, उन पर कभी औपचारिक रूप से केस दर्ज नहीं हुआ। डॉ अफरीदी ने हमेशा कहा है कि इस मामले पर उसकी निष्पक्ष सुनवाई नहीं हुई।
बता दें कि यह पहली बार है जब पाकिस्तान की अदालत में अफरीदी के मामले में खुली सुनवाई हो रही है।
अफरीदी को 'हीरो' मानता है अमेरिका
गौरतलब है कि जब डॉ अफरीदी को जेल भेजा गया तो अमेरिका ने इसका विरोध किया था। बता दें कि डॉ अफरीदी को अमेरिका 'हीरो' मानता है, जिसने ओसोमा बिना लादेन को खत्म करने में अमेरिका की मदद की। डॉ अफरीदी की सजा का विरोध करते हुए अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक सहायता में से 3.3 करोड़ डॉलर की कटौती कर दी।
वहीं, साल 2016 चुनावी अभियान के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Trump) ने कहा था कि अगर वो राष्ट्रपति बने तो डॉक्टर अफरीदी को 'दो महीने' में रिहा करा देंगे। हालांकि, अब तक ट्रंप ने ऐसा नहीं किया है।
अब आइए जान लें कि आखिर डॉ अफरीदी हैं कौन?
डॉ. अफरीदी पाकिस्तान के कबाइली खैबर जिले में डॉक्टर का काम करते थे। अमेरिका के फंड से चलने वाली मेडिकल सेवाओं और वैक्सीनेशन प्रोग्राम के प्रमुख थे। उन्होंने कई शहरों में हेपेटाइटिस बी के लिए टीकाकरण कार्यक्रम चलाए थे। वो काम के सिलसिले में एबटाबाद शहर भी जाते जहां ओसोमा बिन लादेन छिपा हुआ था।
अमेरिकी खुफिया एजेंसी की प्लानिंग थी कि वो एबटाबाद में रह रहे किसी बच्चे के खून का सैंपल ले सके ताकि डीएनए टेस्ट के जरिए पता चल सके कि उनका ओसामा बिन लादेन से कोई रिश्ता है या नहीं। रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ अफरीदी के स्टाफ ने एक बच्चे के खून का सैंपल लिया था, जो उस कैंपस में रह रहा था। हालांकि, यह बात स्पष्ट नहीं है कि क्या ओसोमा को ढूंढ निकालने में डॉ अफरीदी की भूमिका थी या नहीं।
ओसामा की हत्या के बाद साल 2012 में डॉ. अफरीदी पर देशद्रोह का आरोप लगाया गया। उन पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने अमेरिकी खुफिया विभाग CIA का साथ दिया। हालांकि, ऐसे कोई सबूत नहीं मिले।
वहीं, दूसरी ओर 2012 में उन्हें प्रतिबंधित चरमपंथी समूह लश्कर-ए-इस्लाम को फंड देने का दोषी पाया गया था और इसीलिए उन्हें जेल भेजा गया। लश्कर-ए-इस्लाम अब सक्रिय नहीं है।
लेकिन फिर भी एक जनजातीय अदालत ने डॉ. अफरीदी को 33 साल की सजा सुनाई। बाद में इसे 23 साल साल कर दी गई।
छिपकर रहती है पत्नी
डॉ. शकील अफरीदी ने साल 1990 में खैबर मेडिकल कॉलेज से ग्रेजुएशन किया था। उनकी गिरफ्तारी के बाद उनके परिवार पर हमेशा हमले का डर सताता रहता है। उनकी पत्नी एबटाबाद की एक रक्षा विशेषज्ञ हैं। पति की गिरफ्तारी के बाद वो छिपकर रहती हैं। उनके तीन बच्चे हैं। दो बेटा और एक बेटी।
बता दें कि जनवरी 2012 में अमेरिकी अधिकारियों ने सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया था कि डॉक्टर अफरीदी ने अमेरिकी खुफिया विभाग के लिए काम किया था
सवाल ये है कि डॉ. अफरीदी की रिहाई की सुनवाई अब क्यों हो रही है?
दरअसल, जिस अदालत ने डॉ. अफरीदी को सजा सुनाई है वो अफगानिस्तान की सीमा से सटे इलाके में है। उन इलाकों की अदालतों में कार्यवाही ब्रिटिश कालीन 'फ्रंटियर क्राइम रेग्युलेशन' के तहत होती है।
इन अदालतों में आदिवासी समुदाय के लोगों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। हालांकि, अब इन कबायली इलाकों को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में विलय कर दिया गया है, जिसकी वजह से डॉ. अफरीदी का मामला पेशावर हाई कोर्ट तक पहुंच गया है।
उम्मीद जताई जा रही है कि अफरीदी की सजा या तो कम हो सकती है या तो उसे रिहा किया जा सकता है। बता दें कि पिछले साल अफरीदी को पेशावर से पंजाब की एक जेल में ट्रांसफर किया गया था, जिससे उनकी संभावित रिहाई की अटकलें बढ़ी हैं।
जमींदोज कर दिया गया ओसामा का घर
2 मई 2011 की रात जिस घर में अमेरिकी नेवी सील कमांडो ने ओसामा बिन लादेन के घर पर छापा मारा था उसे पाकिस्तान सरकार ने साल 2012 में जमींदोज कर दिया था। वहां अब सिर्फ खाली प्लॉट है। यह घर एबटाबाद के बिलाल टाउन इलाके में बना हुआ था। इस घर को खास सुरक्षा और गोपनीयता के साथ डिजाइन किया गया था।
ओसामा के मारे जाने के बाद पाकिस्तान की सरकार ने इस घर की निगरानी कड़ी कर दी थी ताकि कोई व्यक्ति अंदर दाखिल न हो सके।
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