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    सिंधु जल समझौता स्थगित हुआ तो पाकिस्तान की निकली हेकड़ी, PM शहबाज ने भारत से क्या की अपील?

    पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा सिंधु जल समझौता स्थगित करने और 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाने से पाकिस्तान पर दबाव बढ़ा है। इसी के चलते प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत के साथ सभी लंबित मुद्दों, जैसे जम्मू-कश्मीर, जल, व्यापार और आतंकवाद पर सार्थक बातचीत की इच्छा जताई है। हालांकि, भारत का रुख स्पष्ट है कि वह केवल गुलाम कश्मीर की वापसी और आतंकवाद पर ही बात करेगा। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि जब तक सीमा पार आतंकवाद बंद नहीं होता, सिंधु जल संधि स्थगित रहेगी, क्योंकि मोदी के अनुसार, "आतंकवाद और वार्ता एक साथ नहीं चल सकते।"  

    By Piyush Kumar Edited By: Piyush Kumar Updated: Wed, 25 Jun 2025 10:57 PM (IST)
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    पीएम मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की फाइल फोटो।

    पीटीआई, लाहौर। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से सिंधु जल समझौता स्थगित करने और उसके बाद चलाए गए आपरेशन सिदूर से पाकिस्तान की हेकड़ी निकल गई है। वह लगातार भारत के साथ बातचीत की इच्छा जता रहा है।

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    इसी कड़ी में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने फिर कहा है कि वह भारत के साथ सभी लंबित मुद्दों पर सार्थक वार्ता के लिए तैयार हैं।शहबाज शरीफ ने भारत के साथ बातचीत के विचार मंगलवार को सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ टेलीफोन पर बातचीत के दौरान व्यक्त किए।


    रेडियो पाकिस्तान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने बातचीत के दौरान कहा, 'पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर, जल, व्यापार और आतंकवाद सहित सभी लंबित मुद्दों पर भारत के साथ सार्थक बातचीत करने के लिए तैयार है।' प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत के साथ हाल ही में हुए सैन्य संघर्ष के दौरान पाकिस्तान का ²ढ़ समर्थन के लिए सऊदी अरब के प्रति गहरा आभार भी व्यक्त किया।

    पहलगाम आतंकी हमले के तुरंत बाद भारत ने कई कदम उठाए थे जिनमें 1960 की सिंधु जल संधि को स्थगित करना और पाकिस्तान के साथ सभी तरह का व्यापार रोकना शामिल था। भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान नियंत्रित क्षेत्रों में आतंकी ढांचे को निशाना बनाते हुए सात मई को आपरेशन सिंदूर शुरू किया था।

    चार दिनों तक चला सैन्य संघर्ष 10 मई को समाप्त हुआ था।पिछले महीने की शुरुआत में भी शहबाज शरीफ ने ईरान और अजरबैजान में कश्मीर, आतंकवाद, जल और व्यापार समेत सभी लंबित मुद्दों को सुलझाने के लिए भारत के साथ शांति वार्ता की इच्छा जताई थी। हालांकि, भारत स्पष्ट कर चुका है कि वह केवल गुलाम कश्मीर की वापसी और आतंकवाद के मुद्दे पर ही बातचीत करेगा।

    विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने यह भी कहा था कि सिंधु जल संधि तब तक स्थगित रहेगी जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को अपना समर्थन पूरी तरह से बंद नहीं कर देता। जैसा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है, 'आतंकवाद और वार्ता एक साथ नहीं चल सकते, आतंकवाद और व्यापार एक साथ नहीं चल सकते एवं पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते।'