US Drone Strike: अल-जवाहिरी पर अमेरिकी ड्रोन हमले में क्या पाकिस्तान की भी थी भूमिका? हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल होने की आशंका
अमेरिका की ओर से किए गए हवाई हमले में जवाहिरी की मौत के बाद अटकले हैं कि पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल CIA के ड्रोनों द्वारा हमला करने के लिए किया गया था। संभावना है कि जवाहिरी का सफाया करने वाले ड्रोन को किर्गिस्तान के एयरबेस से लॉन्च किया गया।
इस्लामाबाद, एजेंसियां: अलकायदा प्रमुख अयमान अल-जवाहिरी की अमेरिका द्वारा किए गए ड्रोन हमले में मौत को लेकर पाकिस्तान की भूमिका शक के घेरे में है। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि काबुल में अल-जवाहिरी के सेफ हाउस पर हवाई हमले को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल किया गया। अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद से अमेरिका की ओर से पहली सबसे बड़ी सैन्य कार्रवाई है। अल-जवाहिरी 11 सितंबर 2001 को अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड टावर पर हुए हमले के मुख्य आरोपी ओसामा बिन लादेन का सहयोगी था।
अमेरिका की ओर से किए गए हवाई हमले में जवाहिरी की मौत के बाद अटकले हैं कि पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल CIA के ड्रोनों द्वारा हमला करने के लिए किया गया था। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के वरिष्ठ नेता शिरीन मजारी ने कुछ मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए ट्वीट किया कि ऐसी संभावना है कि जवाहिरी का सफाया करने वाले अमेरिकी ड्रोन को किर्गिस्तान के एक एयरबेस से लॉन्च किया गया था। रिपोर्टों में दावा किया गया है कि हमला उत्तरी किर्गिस्तान के मानस में गैन्सी एयरबेस से लांच किया गया था।
बता दें, गैन्सी एयरबेस किर्गिस्तान में बिश्केक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास स्थित पूर्व अमेरिकी सैन्य अड्डा है। इसे अमेरिकी वायु सेना द्वारा संचालित किया जाता था, बाद में जून 2014 में इसे किर्गिज सेना को सौंप दिया गया। हालांकि बाइडन प्रशासन लगातार इस बात का खुलासा करने से इनकार कर रहा है कि हमले के लिए इस्तेमाल ड्रोन ने कहां से उड़ान भरी और उन्होंने किस रास्ते का इस्तेमाल किया।
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