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    Pakistan: UN ने पाकिस्तान से निर्वासित हो रही महिलाओं और बच्चों को लेकर जताई चिंता, परिवारों की सुरक्षा का किया आह्वान

    Pakistan News पाकिस्तान ने पाकिस्तान में अवैध रूप से रहने वाले विदेशियों को निर्वासित करने के लिए एक अभियान शुरू किया है इस निर्वासन में अबतक लाखों लोग देश छोड़ के जा चुके हैं। वहीं इस निर्वासन में सबसे ज्यादा महिलाओं और बच्चों को जोखिमों का सामना करना पड़ रहा है। इसको लेकर संयुक्त राष्ट्र ने चिंता जताई है।

    By AgencyEdited By: Babli KumariUpdated: Sun, 05 Nov 2023 08:59 AM (IST)
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    संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान से निर्वासित हो रहे लोगों को लेकर जताई चिंता (प्रतीकात्मक फोटो)

    एएनआई, इस्लामाबाद। पाकिस्तान से लाखों विदेशियों को निर्वासित किया जा रहा है। इस निर्वासन में महिलाओं और बच्चों को सबसे ज्यादा जोखिमों का सामना करना पड़ रहा है। इन जोखिमों को देखते हुए तीन संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने शुक्रवार को सभी बच्चों और परिवारों की सुरक्षा का आह्वान किया है।

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    संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों का कहना है कि पाकिस्तान में घूमने, हिरासत केंद्रों में रहने, सीमा पार करने और अफगानिस्तान लौटने पर बच्चों को गंभीर सुरक्षा जोखिमों का सामना करना पड़ता है।

    संयुक्त राष्ट्र की तीन एजेंसियों द्वारा शुक्रवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में, यूएनएचसीआर, आईओएम और यूनिसेफ ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान में विस्थापित बच्चों, परिवारों और शरणार्थियों के लिए समर्थन बढ़ाने का आह्वान करना जारी रखा है। इस आह्वान में गरीब लोग भी शामिल हैं।

    पाकिस्तान की सहायता करने की जताई प्रतिबद्धता

    बच्चों को अपनी सुरक्षा, पारिवारिक अलगाव, संकट, भय, दुर्व्यवहार और शोषण के लिए शारीरिक खतरों का सामना करना पड़ता है।

    डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, इसके अतिरिक्त, यूएनएचसीआर और आईओएम ने देश के भीतर चल रही सुरक्षा की आवश्यकता वाले व्यक्तियों के पंजीकरण, प्रबंधन और स्क्रीनिंग के लिए एक तंत्र विकसित करने में पाकिस्तान की सहायता करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की है।

    वर्तमान में मानवीय संकट से जूझ रहा है अफगानिस्तान 

    अधिकांश अफगानी अब पाकिस्तान में गिरफ्तारी या निर्वासन के डर से लौट रहे हैं। अफगानिस्तान वर्तमान में मानवीय संकट से जूझ रहा है, जो चल रही मानवाधिकार चुनौतियों और कठोर सर्दियों के बढ़ते खतरे का सामना कर रहा है।

    डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, देश में लगभग 30 मिलियन लोगों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है, जिनमें से 3.3 मिलियन लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हैं।

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