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    Pakistan: तहरीक-ए-तालिबान ने राष्ट्रवादी समूहों को दी चेतावनी, कहा- बंद करें आरोप लगाना

    By Sonu GuptaEdited By:
    Updated: Sat, 20 Aug 2022 11:17 PM (IST)

    पाकिस्तान में प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने राष्ट्रवादी और धर्मनिरपेक्ष समूहों को चेतावनी दी है कि वह उसके खिलाफ आरोप लगाना बंद करें। टीटीपी ने अपने एक बयान में कहा है कि सरकार और टीटीपी के बीच सुधार के संकेत दिख रहे हैं।

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    TTP ने राष्ट्रवादी समूहों को चेतावनी दी है कि वह उसपर आरोप लगाना बंद करे। (प्रतीकात्मक फोटो एएनआई)

    इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान में प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने राष्ट्रवादी और धर्मनिरपेक्ष समूहों (nationalist and secular groups) को चेतावनी दी है कि वह उसके खिलाफ आरोप लगाना बंद करें। टीटीपी ने अपने एक बयान में कहा है कि सरकार और टीटीपी के बीच सुधार के संकेत दिख रहे हैं, जिसके कारण कुछ पश्चिमी समर्थक समूह इससे निराश हो गए हैं। पाकिस्तानी अखबार डॉन ने यह जानकारी दी है।

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    टीटीपी चाहता है शांति

    टीटीपी द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि राष्ट्रवादी और धर्मनिरपेक्ष समूह नहीं चाहते हैं कि पाकिस्तान शांतिपूर्ण और समृद्ध हो। यही कारण है कि ये समूह विभिन्न मंचों पर दावा करने की कोशिश कर रहे हैं कि खैबर पख्तूनख्वा सहित मिलाए गए जिलों में बातचीत की आड़ में तालिबान को लाया जा रहा है। टीटीपी ने कहा है कि उसने कई मौकों पर दोहराया है कि वह देश में शांति चाहता है। बयान में कहा गया है कि टीटीपी न तो कभी राज्य विरोधी था और न ही वह पाकिस्तान विरोधी शक्तियों के लिए काम कर रहा था।

    गलत नीतियों से पार्टियों को हुआ है नुकसान

    टीटीपी ने कहा है कि वह किसी भी धार्मिक और राजनीतिक पार्टियों से टकराव नहीं चाहता है। टीटीपी ने उदारवादी, धर्मनिरपेक्ष और राष्ट्रवादी समूहों को चेतावनी दी है कि ये सभी समूह टीटीपी के खिलाफ गलत प्रचार और आरोप न लगाएं। टीटीपी ने दावा किया है कि इन सभी पार्टियों को अपनी गलत नीतियों के कारण बीते समय में नुकसान का समाना करना पड़ा था।

    ANP ने जबरन वसूली का उठाय मुद्दा

    डॉन ने बताया है कि इसी बीच अवामी नेशनल पार्टी (ANP) ने प्रांत में जबरन वसूली और आतंकवादी समूहों को बढ़ावा देने का मुद्दा उठाया। पार्टी ने आरोप लगाया कि प्रांतीय कैबिनेट के सदस्य तालिबान को जबरन वसूली का पैसा देते हैं। ANP द्वारा लगाए गए आरोपो पर प्रतिक्रिया देते हुए टीटीपी ने जबरन वसूली में शामिल होने से इंकार कर दिया। टीटीपी ने अपने बयान में कहा, ' हम सभी देशभक्त और इस्लाम से प्रेम करने वाले लोगों से अपील करते हैं कि वे नास्तिक तत्वों (atheist elements) के द्वारा किए जा रहे गलत प्रचारों पर ध्यान न दें। ये सभी सेकुलर और राष्ट्रवादी तत्व इस्लाम और इस देश के दुश्मन हैं। ये सभी समूह इस्लाम की प्रमुख्ता नहीं चाहते हैं।'

    अफगानिस्तान से पाकिस्तान सीमा पर हमला

    तालिबान के अफगानिस्तान पर काबिज होने के बाद पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से अपने सीमा पर हमलों की शिकायत की है। सीमा पर हमले का मुद्दा अब राजनीतिक रूप ले चुका है और इस मामले को राजनीतिक रूप से हल करने के लिए दोनों पक्षों के बीच अक्टूबर 2021 में बातचीत शुरू हुई थी। अफगान तालिबान के कहने पर वार्ता हुई थी, जिसके कारण एक माह तक संघर्ष विराम हुआ। हालांकि यह ज्यादा दिन तक नहीं चल पाया।