TLP के प्रदर्शन से डरी पाकिस्तान सरकार, रावलपिंडी और इस्लामाबाद में अनिश्चित काल के लिए इंटरनेट बंद
पाकिस्तान सरकार ने इस्लामाबाद और रावलपिंडी में मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। यह कदम तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए उठाया गया है। सरकार ने राजधानी की ओर जाने वाली सड़कों को सील कर दिया है और रावलपिंडी में धारा 144 लागू कर दी है। यह निर्णय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

'तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान' के समर्थकों ने गुरुवार को पुलिस की छापेमारी के बाद अपनी पार्टी के मुख्यालय के बाहर धार्मिक नारे लगाए (फोटो पीटीआई)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान के इस्लामाबाद और रावलपिंडी में मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है। पाकिस्तान सरकार ने यह फैसला एक धार्मिक समूह के प्रदर्शनकारियों के प्रवेश को रोकने के लिए किया है। राजधानी इस्लामाबाद की ओर जाने वाली प्रमुख सड़कों को बंद कर दिया गया है। साथ ही उनके संचार को बाधित करने के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई है।
दरअसल, दक्षिणपंथी चरमपंथी समूह तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) ने गाजा में हुई हत्याओं के विरोध में शुक्रवार को इस्लामाबाद में एक मार्च निकालने की घोषणा की। टीएलपी के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए पाकिस्तान सरकार द्वारा इस तरह का कदम उठाया गया है।
सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस प्रशासन की टीम पूरी तरह मुस्तैद है। गृह मंत्रालय ने सभी मुख्य सड़कों को सील कर दिया है। साथ ही दूरसंचार नियामक, पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण (पीटीए) को एक पत्र जारी करके इस्लामाबाद और रावलपिंडी शहरों में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद करने का आदेश दिया है।
अनिश्चित काल के लिए इंटरनेट सेवा बंद
पीटीए को भेजे गए पत्र के अनुसार, जिसे गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने मंजूरी दी थी, दोनों शहरों में मोबाइल इंटरनेट सेवा कल रात 12 बजे से अनिश्चित काल के लिए निलंबित रहेगी। पुलिस सूत्रों ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि विरोध मार्च के मद्देनजर शहर के आंतरिक और बाहरी मार्ग तथा मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।
रावलपिंडी में धारा 144
तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान की विरोध प्रदर्शन की घोषणा के बाद पंजाब पुलिस ने बुधवार को पार्टी के प्रमुख साद हुसैन रिजवी को गिरफ्तार करने के लिए लाहौर स्थित पार्टी मुख्यालय पर छापा मारा। इस दौरान कानून प्रवर्तन अधिकारियों और कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी के सदस्यों के बीच हिंसक झड़पें हुईं। जिसमें दर्जनों लोग घायल हो गए। इसी दौरान रावलपिंडी जिला प्रशासन ने गुरुवार को शहर में 11 अक्टूबर तक धारा 144 लागू कर दी।
हिंसक घटनाओं का खतरा
रावलपिंडी के उपायुक्त हसन वकार चीमा के कार्यालय द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि शहर में शनिवार तक सभी प्रकार के विरोध प्रदर्शन, धरना, सभा, जुलूस और रैलियाँ प्रतिबंधित रहेंगी। इस दौरान शहर में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध रहेगा। उपायुक्त द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि मौजूदा हालात में संवेदनशील और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों के पास हिंसक घटनाओं का खतरा है।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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