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Pakistan: स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान का एलान, देश में शरिया के तहत 2027 तक करेंगे ब्याजमुक्त बैंकिंग सिस्टम लागू

एसबीपी के गवर्नर ने कहा कि शरिया अनुपालन के माध्यम से पूंजी बाजार से वित्त पोषण के लिए चर्चा चल रही है। सरकार की वित्तीय आवश्यकताओं को सुकुक (शरिया-अनुपालन बांड) जारी करने के माध्यम से भी पूरा किया जा सकता है।

By AgencyEdited By: Shashank MishraPublished: Tue, 30 May 2023 12:35 AM (IST)Updated: Tue, 30 May 2023 12:35 AM (IST)
Pakistan: स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान का एलान, देश में शरिया के तहत 2027 तक करेंगे ब्याजमुक्त बैंकिंग सिस्टम लागू
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के गवर्नर ने इस्लामिक कैपिटल मार्केट सम्मेलन में कहा

इस्लामाबाद, पीटीआई। पाकिस्तान का लक्ष्य 2027 तक इस्लामिक शरिया कानून के तहत अपनी बैंकिंग प्रणाली से ब्याज को खत्म करना है। देश के शीर्ष बैंकर ने सोमवार को यह बात कही। यहां इस्लामिक कैपिटल मार्केट सम्मेलन को संबोधित करते हुए स्टेट बैंक आफ पाकिस्तान (एसबीपी) के गवर्नर जमील अहमद ने कहा कि पाकिस्तान का सुरक्षा और विनिमय आयोग (एसईसीपी) और सेंट्रल बैंक इस्लामिक वित्त क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सुधारों पर मिलकर काम कर रहे हैं।

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पूंजी बाजार से वित्त पोषण के लिए चल रही चर्चा

एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने उनके हवाले से कहा कि पिछले एक दशक में, देश ने इस्लामिक बैंकिंग में 24 फीसदी की वृद्धि देखी है। इस्लामिक पूंजी बाजार लगभग तीन ट्रिलियन अमेरिकी डालर तक बढ़ गया है। अहमद ने कहा कि विकास देश की अर्थव्यवस्था की समग्र स्थिति में सकारात्मक रूप से परिलक्षित हुआ है। इस्लामी बैंकिंग अब पाकिस्तान में बैंकिंग क्षेत्र का 20 प्रतिशत हिस्सा है।

एसबीपी के गवर्नर ने कहा कि शरिया अनुपालन के माध्यम से पूंजी बाजार से वित्त पोषण के लिए चर्चा चल रही है। सरकार की वित्तीय आवश्यकताओं को सुकुक (शरिया-अनुपालन बांड) जारी करने के माध्यम से भी पूरा किया जा सकता है। इस्लामिक बैंकिंग को एक बैंकिंग प्रणाली के रूप में परिभाषित किया गया है जो इस्लाम की भावना, लोकाचार और मूल्य प्रणाली के अनुरूप है और इस्लामी शरिया द्वारा निर्धारित सिद्धांतों द्वारा शासित है।

अगले पांच साल में बैंकिंग प्रणाली से ब्याज समाप्त: इशाक डार

अहमद के अनुसार, पाकिस्तान ने 2.8 ट्रिलियन पीकेआर के सुकुक बांड जारी किए हैं, और सरकारी ऋण को सुकुक में बदलने के लिए एसबीपी के भीतर एक समिति बनाई गई है। पिछले नवंबर में वित्त मंत्री इशाक डार ने कहा कि पाकिस्तान पांच साल में बैंकिंग प्रणाली में ब्याज को समाप्त कर देगा और इसे बैंकिंग के इस्लामिक मोड से बदल देगा। उन्होंने कहा था कि म्युचुअल फंड, कैपिटल फंड और बीमा कारोबार को भी इस्लामिक मॉडल पर बढ़ावा दिया जाना चाहिए।


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