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    Pakistan Politics: शाहबाज शरीफ ने अपने पिता की मर्जी के बगैर की थी पहली शादी, जानिए- उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Sun, 10 Apr 2022 02:36 PM (IST)

    पाकिस्‍तान में शाहबाज शरीफ का नया प्रधानमंत्री बनना लगभग तय है। वो देश के एक कद्दावर नेता भी हैं और पीएमएल-एन के अध्‍यक्ष भी हैं। उन्‍होंने हर मोर्चे पर अपने बड़े भाई नवाज शरीफ का साथ दिया है।

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    पाकिस्‍तान की सत्‍ता पर काबिज होंगे शाहबाज शरीफ

    नई दिल्‍ली (आनलाइन डेस्‍क)। पाकिस्‍तान में कई दिनों से जारी सियासी घमासान का फिलहाल अंत हो गया है। नेशनल असेंबली में शनिवार को सरकारा के खिलाफ लाए अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर हुई वोटिंग में विपक्ष की जीत हुई है। हालांकि इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने इस वोटिंग में हिस्‍सा नहीं लिया। अब जबकि इमरान खान पीएम नहीं रहे हैं तो देश में नए पीएम को चुनने की कवायद आज से ही शुरू होनी है। इस दौड़ में सबसे आगे पीएमएल-एन अध्‍यक्ष शाहबाज शरीफ का नाम है। 

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    नवाज का हर मोर्चे पर दिया पूरा साथ

    शाहबाज शरीफ देश के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई हैं। नवाज को सुप्रीम कोर्ट द्वारा पीएम पद से अयोग्‍य करार दिए जाने और इसके बाद चली कानूनी कार्रवाई के दौरान शाहबाज शरीफ पूरी तरह से उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर रहे हैं। जब नवाज शरीफ को इलाज के लिए ब्रिटेन भेजा गया था उस वक्‍त देश में पीटीआई की स्थिति काफी खराब मानी जा रही थी। ऐसी स्थिति में शाहबाज शरीफ ने ही पार्टी को मजबूती देने का भी काम किया था। उन्‍होंने न सिर्फ नवाज शरीफ की मजबूती बल्कि पार्टी की मजबूती के लिए दिन रात एक कर काम किया। 

    नेशनल असेंबली में बड़ी पार्टी है पीएमएल-एन

    नेशनल असेंबली में पीएमएल-एन की सबसे अधिक सीटें हैं। इसके बाद पीपीपी का नंबर आता है। सबसे बड़ी पार्टी के अध्‍यक्ष होने के नाते शाहबाज शरीफ का पीएम बनना लगभग तय माना जा रहा है। आज वो इस पद के लिए अपना नामांकन करेंगे और आज ही नामांकन की जांच भी होगी। सोमवार को नेशनल असेंबली में उनको नया पीएम बनाया जाएगा और फिर राष्‍ट्रपति द्वारा उन्‍हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई जाएगी। अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर मिली जीत के बाद उन्‍होंने कहा है कि वो बदले की भावना से कोई काम नहीं करेंगे। 

    देश के कद्दावर नेताओं में है गिनती

    नवाज शरीफ के भाई होने के इतर भी राजनीति में उनकी एक अलग पहचान है। वो देश के एक कद्दावर नेताओं में शुमार किए जाते हैं। अविश्‍वास प्रस्‍ताव के समय तक शाहबाज शरीफ नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता थे। 1950 में लाहौर में पैदा हुए शाहबाज 2008-2018 तक पंजाब के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। नवाज शरीफ की सरकार का तख्‍ता पलट करने के बाद वे भी नवाज के साथ सऊदी अरब में निर्वासित रहे थे। शाहबाज ने मई 2004 में देश वापसी की कोशिश की थी लेकिन उनको तत्‍कालीन सैन्‍य शासक परवेज मुशर्रफ ने लाहौर हवाई एयरपोर्ट से ही वापस भेज दिया था। 

    अपनी मर्जी से फैसले लेने के जाने जाते हैं शाहबाज 

    शाहबाज अपने फैसले खुद लेने के लिए भी जाने जाते हैं। इसका एक उदाहरण उनकी पहली शादी भी है, जो उन्‍होंने अपने पिता की मर्जी के बगैर की थी। 1973 में हुई इस शादी से उनके पांच बच्‍चे हैं। इनमें से एक बेटा हमजा नेशनल असेंबली का सदस्‍य भी है। दूसरा बेटा सलमान बिजनेस मैन है। 1993 में शाहबाज ने दूसरी शादी की, जिससे उनकी एक बेटी खदीजा है। हालांकि निर्वासित जीवन जीते हुए ही उन्‍होंने अपनी दूसरी पत्‍नी हनी को तलाक दे दिया था। 

    शाहबाज अपने बड़े भाई नवाज से भी अधिक अमीर हैं। वो पेशे से एक बिजनेसमैन हैं और पाकिस्‍तान में स्‍टील के बिजनेस से जुड़े हुए हैं। उनका खुद का अरबों डालर का इत्‍तफाक ग्रुप है।

    आरोपों के घेरे में शाहबाज

    शाहबाज भी आरोपों से बचे नहीं रहे हैं। सितंबर 2021 में उन्‍हें मनी लान्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उनपर आरोप था कि उन्‍होंने अपने बेटों के साथ मिलकर इसको अंजाम दिया था। ये मामला करीब सात अरब रुपयों से जुड़ा हुआ है। इमरान खान ने शाहबाज पर हमला करते हुए यहां तक कहा है कि वो पीएम बनने पर अमेरिका की गुलामी करेंगे। 

    पंजाब के सीएम रहते हुए 1999 में उनके खिलाफ दर्ज एक एफआईआर में उनपर फर्जी मुठभेड़ में दो व्‍यक्तियों को मार गिराने का भी आरोप लगा था। शिकायतकर्ता का आरोप था कि ये हत्‍या शाहबाज के इशारे पर कराई गई थी। हालांकि बाद में कोर्ट ने उन्‍हें आरोपों से बरी कर दिया था।