पाकिस्तान में कई धार्मिक समूहों ने मिलकर बनाया गठबंधन, शहबाज सरकार की उड़ी नींद
मुरीदके नरसंहार को लेकर इस गठजोड़ में शामिल संगठन काफी उग्र हो गए हैं। इसने सरकार से कई मांगे की हैं। मांगे न माने जाने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी है। मुरीदके में एक विरोध प्रदर्शन के दौरानसुरक्षा बलों द्वारा अपने कार्यकर्ताओं की हत्या के बाद से टीएलपी चर्चा में है। इस गठबंधन की मांग है कि टीएलपी के सभी सदस्यों को रिहा किया जाए।

आईएएनएस, नई दिल्ली। आने वाले समय में पाकिस्तान की सिरदर्दी और बढ़ने वाली है। तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) सहित पाकिस्तान के कई धार्मिक समूहों ने एक साथ मिलकर अहल-ए-सुन्नाह पाकिस्तान नामक नया गठजोड़ तैयार किया है।
गठजोड़ में शामिल संगठन काफी उग्र
मुरीदके नरसंहार को लेकर इस गठजोड़ में शामिल संगठन काफी उग्र हो गए हैं। इसने सरकार से कई मांगे की हैं। मांगे न माने जाने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी है। मुरीदके में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा अपने कार्यकर्ताओं की हत्या के बाद से टीएलपी चर्चा में है।
इस गठबंधन की मांग है कि टीएलपी के सभी सदस्यों को रिहा किया जाए। पाकिस्तान पहले से ही कई मोर्चों पर लड़ाई लड़ रहा है। अफगानिस्तान के साथ भी अब उसके रिश्ते बहुत ही खराब हो चुके हैं। दोनों देशों के बीच कभी भी बड़ा युद्ध छिड़ सकता है।
पाकिस्तान कई आंतरिक समस्याओं का भी सामना कर रहा है
इसके साथ ही पाकिस्तान कई आंतरिक समस्याओं का भी सामना कर रहा है। आर्थिक विपन्नता उसके समझ सबसे बड़ी चुनौती है। आतंकवादियों को पालने वाले इस पड़ोसी देश पर भारतीय खुफिया एजेंसियां कड़ी नजर रखे हुए हैं।
अधिकारियों का कहना है कि टीएलपी के नेतृत्व वाले गठबंधन द्वारा घोषित विरोध प्रदर्शन पाकिस्तान में सुरक्षा प्रतिष्ठान के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। इस गठबंधन के पास कई राजनीतिक संगठनों का समर्थन है। इसके अलावा इसे देश के विभिन्न धार्मिक नेताओं का भी समर्थन प्राप्त है, जो इस गठबंधन को और भी घातक बनाता है।
पाकिस्तान में सत्ता प्रतिष्ठान इस गठबंधन को हल्के में नहीं ले रहा है
पाकिस्तान में सत्ता प्रतिष्ठान इस गठबंधन को हल्के में नहीं ले रहा है। पिछले कुछ सप्ताह में पूरे पाकिस्तान में टीएलपी के लिए समर्थन तेजी से बढ़ा है। 22 अक्टूबर को होने वाली बैठक के बाद देशभर में होने वाले धरना-प्रदर्शनों में हजारों लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। पंजाब सहित कई प्रांतों में रैली निकालने की योजना बनाई जा रही है।
इमरान खान ने दिया तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान को अपना समर्थन
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) के सदस्यों को टीएलपी का समर्थन करने और प्रदर्शनों में भी हिस्सा लेने का निर्देश दिया है। सभी की निगाहें इस्लामाबाद और तालिबान के बीच शांति समझौते के लिए होने वाली वार्ता पर टिकी हैं। विश्लेषकों का कहना है कि तालिबान के साथ स्थिति नाजुक है, लेकिन पाकिस्तान को आंतरिक मोर्चे पर और भी संघर्ष करना पड़ सकता है।
बीएलए से भी मिल रही कड़ी टक्कर
पाकिस्तान को बलूचिस्तान नेशनलिस्ट आर्मी (बीएलए) से भी कड़ी टक्कर मिल रही है। इसके अलावा गुलाम कश्मीर में स्थिति तनावपूर्ण है। टीएलपी की घोषणा के बाद पंजाब सरकार ने धारा 144 लागू कर दी है। सभी प्रकार के समारोहों, रैलियों और जुलूसों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया गया है। सुरक्षा के कड़े इंतजाम होने के बावजूद भारतीय अधिकारियों को लगता है कि यह एक ऐसा विरोध प्रदर्शन है जो ¨हसक हो सकता है।
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