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    सऊदी अरब ने 56000 पाकिस्तानी भिखारियों को देश से निकाला, इस्लामाबाद को दी कड़ी चेतावनी

    Updated: Thu, 18 Dec 2025 07:18 PM (IST)

    सऊदी अरब ने 56000 पाकिस्तानी भिखारियों को देश से निकाल दिया है। सऊदी सरकार ने इस मामले में इस्लामाबाद को कड़ी चेतावनी भी दी है। यह कार्रवाई सऊदी अरब म ...और पढ़ें

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    पाकिस्तानी भिखारियों से दुनिया परेशान।


    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान ने दुनिया को आतंकवाद के अलावा कुछ नहीं दिया। वो चीन को गधों की सप्लाई करता है और अरब देशों में भिखारियों की। लेकिन अब अरब देशों ने पाकिस्तानियों के इस धंधे का भी शटर डाउन करने का फैसला किया है। अकेले सऊदी अरब ने भीख मांगने के आरोपों में 56,000 पाकिस्तानियों को देश से निकाल दिया है, जबकि UAE ने ज्यादातर पाकिस्तानी नागरिकों पर वीजा प्रतिबंध लगा दिए हैं।

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    संगठित भीख मांगने और विदेशों में बढ़ती आपराधिक गतिविधियों के चलते सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ने पाकिस्तानी नागरिकों पर कड़ी निरगानी रखना शुरू कर दिया है।

    पाकिस्तान की फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (FIA) ने हवाई अड्डों पर 66,154 यात्रियों को उतारा है, जो संगठित भीख मांगने वाले गिरोहों को खत्म करने और अवैध प्रवासन को रोकने के प्रयास में है। FIA के डायरेक्टर जनरल रिफत मुख्तार ने कहा कि ये नेटवर्क पाकिस्तान की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

    पाकिस्तानी भिखारियों से दुनिया परेशान

    मुख्तार के अनुसार, यह पैटर्न सिर्फ खाड़ी देशों तक ही सीमित नहीं है। अफ्रीका और यूरोप की यात्रा से जुड़े ऐसे ही मामले सामने आए हैं, साथ ही कंबोडिया और थाईलैंड जैसे देशों के लिए टूरिस्ट वीजा का दुरुपयोग भी हुआ है। सऊदी अरब ने इस साल भीख मांगने के आरोपों में 24,000 पाकिस्तानियों को देश से निकाला है। दुबई ने लगभग 6,000 लोगों को वापस भेजा, जबकि अजरबैजान ने लगभग 2,500 पाकिस्तानी भिखारियों को देश से निकाला।

    सऊदी अरब की चिंता

    इस मुद्दे पर सऊदी अधिकारियों का ध्यान पहले ही जा चुका था। 2024 में, रियाद ने औपचारिक रूप से पाकिस्तान से आग्रह किया था कि वह भिखारियों को उमराह वीजा का दुरुपयोग करके मक्का और मदीना जाकर भीख मांगने से रोके। सऊदी अरब के धार्मिक मामलों के मंत्रालय ने चेतावनी दी थी कि इस प्रथा को रोकने में विफलता के पाकिस्तानी उमराह और हज यात्रियों के लिए गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

    वकीलों की राय

    वकील राफिया जकारिया ने भीख मांगने को हताशा का काम नहीं, बल्कि एक अत्यधिक संगठित उद्यम बताया है। उन्होंने लिखा, "पाकिस्तान में एक इंडस्ट्री जो बहुत ऑर्गनाइज़्ड लगती है और अपने लोगों को काम दिलाने में काफी सफल रही है, वह है भीख मांगने की इंडस्ट्री।"

    सरकारी अधिकारियों ने भी इसी तरह की चिंताएं जताई हैं। 2024 में, ओवरसीज पाकिस्तानी के सेक्रेटरी जीशान खानजादा ने कहा कि पश्चिम एशियाई देशों में पकड़े गए भिखारियों में से ज्यादातर पाकिस्तानी नागरिक थे, उन्होंने यह आंकड़ा 90% बताया।