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    भारत के साथ जंग में पाक का साथ देगा सऊदी अरब? पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने खुद बता दी सच्चाई

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 11:17 AM (IST)

    पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच एक रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौता हुआ है जिसके अनुसार किसी भी एक देश पर हमला होने पर उसे दोनों पर हमला माना जाएगा। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि यह समझौता एक अंब्रेला है जो दोनों देशों की ओर से प्रोवाइड कराया गया है। समझौते के तहत किसी भी साइड से एग्रेशन होने पर उसे ज्वाइंटली डिफेंड किया जाएगा।

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    पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच एक रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौता हुआ। (फाइल फोटो: रॉयटर्स)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच एक रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौता हुआ है। दोनों देशों के बीच हुए इस समझौते के अनुसार, अगर किसी भी एक देश पर हमला होता है, तो यह दोनों पर हमला माना जाएगा।

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    दोनों देशों के बीच हुए इस समझौते ने पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच सैनिक समझौते को लेकर सबसे ज्यादा हलचल पड़ोसी मुल्क पाक में ही है। इस समझौते को समझने में पूरा मुल्क लगा हुआ है। इसी समझौते को लेकर पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक साक्षात्कार में बात की।

    इस दौरान पाकिस्तान के रक्षा मंत्री से पूछा गया कि क्या अगर भारत और पाकिस्तान में जंग होती है, तो सऊदी अरब भी जंग में शामिल होगा और अगर क्या सऊदी अरब की किसी अन्य देश से जंग होती है तो पाकिस्तान सऊदी अरब का साथ देगा?

    पाकिस्तानी रक्षा मंत्री क्या दिया जवाब?

    इस सवाल के जवाब में पाकिस्तानी रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि बिल्कुल इसमें कोई शक नहीं है। हमने किसी मुल्क का नाम नहीं लिया है कौन मुल्क हमला करेगा तो हम जवाब देंगे और ना ही सऊदी अरब ने कोई नाम लिया है न हमने कोई नाम लिया है।

    पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच हुआ ये समझौता केवल एक अंबरेला है, जो दोनों देशों की ओर से प्रोवाइड कराया गया है। उन्होंने कहा कि इस समझौते के तहत अगर किसी साइड से भी एग्रेशन होता है, तो उस चीज को ज्वाइंटली डिफेंड किया जाएगा।

    क्या इस समझौते में अन्य देश भी हो सकते हैं शामिल?

    एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, जियो न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने कहा कि वह हमेशा से ही नाटो जैसे समझौतों की वकालत करते रहे हैं। ख्वाजा आसिफ ने कहा कि मेरा मानना है कि यहां देशों और लोगों, विशेष रूस से मुस्लिम आबादी का यह मौलिक अधिकार है कि वे मिलकर अपने क्षेत्र और राष्ट्रों की रक्षा करें।

    उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच समझौते में कोई ऐसी धारा का प्रावधान नहीं है, जो किसी अन्य राष्ट्र को इसमें शामिल होने से रोकती है।

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