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    ISI के पूर्व प्रमुख हमीद को सजा महज शुरुआत, इमरान तक पहुंचेगी आंच; सैन्य अदालत में चलेगा मामला

    Updated: Fri, 12 Dec 2025 11:33 PM (IST)

    पाकिस्तान में पूर्व ISI प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फ़ैज हमीद को सजा के बाद इमरान खान पर देशद्रोह का आरोप लगने की संभावना है। आरोप है कि प्रधानमंत्री रहते ...और पढ़ें

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    ISI के पूर्व प्रमुख फैज हमीद की सजा बनी बड़े अभियान की भूमिका (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान में पूर्व ISI प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फ़ै हमीद को सैन्य अदालत द्वारा 14 साल की सजा सुनाए जाने के बाद अब इमरान खान के खिलाफ कड़े कदम उठाने की तैयारी तेज हो गई है।

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    उच्चस्तरीय सूत्रों के अनुसार, इस सजा ने वह मिसाल स्थापित कर दी है, जिसके दम पर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को देशद्रोह के आरोप में घेरा जाएगा और उनकी पार्टी पीटीआइ पर प्रतिबंध लगाने की राह भी साफ की जाएगी। वहीं सांसद फैसल वावड़ा ने कहा कि सेना प्रमुख आर्मी की गंदगी साफ कर रहे हैं।

    हमीद की गवाही और जुटाए गए सबूत इमरान खान के खिलाफ मुकदमे की नींव बताए जा रहे हैं। संघीय कानून मंत्रालय ने इस सिलसिले में बैठकें कर ली हैं और अब इमरान पर गोपनीयता कानून (आफिशियल सीक्रेट्स एक्ट) के तहत औपचारिक कार्यवाही की तैयारी जारी है।

    क्या है आरोप?

    आरोप है कि प्रधानमंत्री रहते हुए इमरान ने निहित स्वार्थ में महत्वपूर्ण राष्ट्रीय गोपनीय सूचनाएं लीक कीं।पाकिस्तान सरकार का मानना है कि देशद्रोह के आरोप में सजा न सिर्फ इमरान खान की राजनीतिक छवि को धूमिल करेगी, बल्कि जनता में उनकी लोकप्रियता भी तेजी से घटेगी। इमरान के साथ ही उनके करीबी सहयोगियों और कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों पर भी कार्रवाई की तैयारी है।

    विशेषज्ञों का कहना है कि ये मुकदमे सैन्य अदालतों में चलने वाले हैं, जिससे निष्पक्ष सुनवाई की संभावना पर सवाल उठ रहे हैं। मई 2023 की हिंसा में सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमलों के मामलों में सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका है कि शामिल नागरिकों को भी सैन्य अदालतों में ट्रायल का सामना करना चाहिए।इमरान खान फिलहाल तोषाखाना, इद्दत और अल-कादिर ट्रस्ट मामलों में कुल मिलाकर कई सजाओं के तहत जेल में हैं।

    लेकिन पाकिस्तान की मौजूदा व्यवस्था के मुताबिक, उनके खिलाफ सबसे निर्णायक मुकदमा अब देशद्रोह और गोपनीय सूचनाओं की कथित हेराफेरी का माना जा रहा है।इमरान की किचन कैबिनेट में थे हमीदफैज हमीद राजनीति से जुड़े विवादों में नए नहीं हैं। 2017 के फैजाबाद समझौते के दौरान वे गारंटर की भूमिका में रहे थे, जिसने टीएलपी के लंबे धरने को समाप्त करवाया।

    पीटीआइ सरकार के समय वे इमरान खान की 'किचन कैबिनेट' का हिस्सा माने जाते थे और उनके तथा बुशरा बीबी के करीब होने की चर्चाएं थीं। नौ मई, 2023 को हुए दंगों में हमीद की कथित भूमिका की जांच की जा रही थी। दंगों के दौरान सेना की इमारतों और स्मारकों को नुकसान पहुंचाया गया था।

    नवाज शरीफ के निशाने पर थे हमीद और बाजवा

    2020 में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने गुजरांवाला की रैली में फैज हमीद और तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा पर उनके तख्तापलट में भूमिका निभाने का आरोप लगाया था। नवाज ने सीधे मंच से कहा था- जनरल फैज, यह आपके हाथों से हुआ है, और आपको जवाब देना होगा।

    अपनी बोई फसल काट रहे इमरान- हमीद

    बिलावल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने इमरान खान और फैज हमीद को 'अपने समय के फिरौन (सम्राट से भी ऊपर धार्मिक नेता)' करार देते हुए उन पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि इमरान खान ने प्रधानमंत्री रहते विपक्षी नेताओं को धमकाया, उन्हें जेल भेजा और फरयाल तालपुर और मरियम नवाज जैसी महिला नेताओं को भी निशाना बनाया। आज दोनों अपनी ही बोई फसल काट रहे हैं।

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