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पाकिस्तान में PML-N के सरदार अयाज सादिक बने स्पीकर, 9 मार्च को होगा राष्ट्रपति चुनाव; रविवार को चुना जाएगा पीएम

पाकिस्तान में प्रधानमंत्री के चुनाव से पूर्व एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में पीएमएल-एन के सुप्रीमो नवाज शरीफ ने शुक्रवार को जमीयत उलमा ए इस्लाम फज्ल (जेयूआइ-एफ) के नेता मौलाना फजलुर रहमान से उनके आवास पर मुलाकात की और उनसे गठबंधन सरकार के लिए समर्थन की मांग की। फजलुर ने गठबंधन सरकार का हिस्सा बनने से इन्कार कर दिया था और आठ फरवरी को हुए चुनाव के नतीजों पर सवाल उठाए थे।

By Jagran News Edited By: Amit Singh Sat, 02 Mar 2024 04:29 AM (IST)
पाकिस्तान में PML-N के सरदार अयाज सादिक बने स्पीकर, 9 मार्च को होगा राष्ट्रपति चुनाव; रविवार को चुना जाएगा पीएम
पाक में पीपीपी के नेता गुलाम मुस्तफा शाह चुने गए डिप्टी स्पीकर।

पीटीआई, इस्लामाबाद। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में इमरान खान समर्थकों के विरोध के बीच शुक्रवार को नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता सरदार अयाज सादिक को स्पीकर और बिलावल भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के नेता गुलाम मुस्तफा शाह को डिप्टी स्पीकर चुन लिया गया। अब रविवार को प्रधानमंत्री और नौ मार्च को राष्ट्रपति का चुनाव किया जाएगा।

पीएमएल-एन के नेता सादिक को कुल 291 मतों में से 199 और उनके प्रतिद्वंद्वी सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (एसआइसी) के आमिर डोगर को मात्र 91 वोट मिले। सादिक तीसरी बार इस पद के लिए चुने गए हैं। डिप्टी स्पीकर चुने गए शाह को 197 मत मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी एसआइसी के जुनैद अकबर को 92 मत प्राप्त हुए। अगले चरण में अब शनिवार से प्रधानमंत्री चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी जो रविवार को पूरी होगी।

पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का दूसरी बार प्रधानमंत्री चुना जाना तय है क्योंकि पीएमएल-एन और पीपीपी गठबंधन ने उन्हें नामित किया है। नौ मार्च को राष्ट्रपति के चुनाव में पीपीपी के नेता और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को फिर से चुने जाने की पूरी संभावना है।

फजलुर रहमान से मिले नवाज शरीफ

प्रधानमंत्री के चुनाव से पूर्व एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में पीएमएल-एन के सुप्रीमो नवाज शरीफ ने शुक्रवार को जमीयत उलमा ए इस्लाम फज्ल (जेयूआइ-एफ) के नेता मौलाना फजलुर रहमान से उनके आवास पर मुलाकात की और उनसे गठबंधन सरकार के लिए समर्थन की मांग की। फजलुर ने गठबंधन सरकार का हिस्सा बनने से इन्कार कर दिया था और आठ फरवरी को हुए चुनाव के नतीजों पर सवाल उठाए थे।