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    पाकिस्तान में बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंचा प्रदूषण, कई जिलों में पार्क-स्कूल बंद; लाहौर हाईकोर्ट पहुंची बच्ची

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Fri, 08 Nov 2024 10:46 PM (IST)

    सभी निजी और सरकारी स्कूलों एवं कालेजों को 17 नवंबर तक बंद करने के बाद पाकिस्तान में पंजाब प्रांत की सरकार ने शुक्रवार को सभी सार्वजनिक पार्कों चिडि़याघरों संग्रहालयों ऐतिहासिक स्थलों और खेल के मैदानों को भी 17 नवंबर तक बंद कर दिया। प्रांत का एक बड़ा हिस्सा घनी धुंध का सामना कर रहा है और वायु गुणवत्ता सूचकांक खतरनाक स्तर पर बना हुआ है।

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    पाकिस्तान में बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंचा प्रदूषण

     एपी, लाहौर। सभी निजी और सरकारी स्कूलों एवं कालेजों को 17 नवंबर तक बंद करने के बाद पाकिस्तान में पंजाब प्रांत की सरकार ने शुक्रवार को सभी सार्वजनिक पार्कों, चिडि़याघरों, संग्रहालयों, ऐतिहासिक स्थलों और खेल के मैदानों को भी 17 नवंबर तक बंद कर दिया। प्रांत का एक बड़ा हिस्सा घनी धुंध का सामना कर रहा है और वायु गुणवत्ता सूचकांक खतरनाक स्तर पर बना हुआ है।

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    दृश्यता घटकर करीब 100 मीटर

    अक्टूबर से ही 1.4 करोड़ की जनसंख्या वाला लाहौर शहर धुंध का सामना कर रहा है। गुरुवार को शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 1000 रहा और शुक्रवार को एक्यूआइ 600 के ऊपर रहा। 300 से ऊपर रहने को ही खतरनाक माना जाता है। शहर के निवासियों को घंटों तक छाई धुंध के कारण धुंधलके में अपना जीवन गुजारना पड़ा। दृश्यता घटकर करीब 100 मीटर तक रह गई।

    राजधानी लाहौर समेत पंजाब के 18 जिलों में सरकारी कर्मचारियों को घर पर रहकर काम करना पड़ रहा है। शुक्रवार को लाहौर की एक अदालत ने सभी बाजार रात आठ बजे के बाद बंद कराने का आदेश दिया है। अधिकारी पहले ही विवाह भवनों को रात 10 बजे तक बंद करने का आदेश दे चुके हैं।

    लाहौर में भयंकर प्रदूषण को लेकर कोर्ट पहुंची तीन साल की बच्ची

    पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार के विरुद्ध तीन वर्ष की बच्ची ने लाहौर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कराई है। याचिका में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 99-ए के तहत सरकार लोगों को स्वच्छ एवं स्वस्थ पर्यावरण उपलब्ध कराने के लिए बाध्य है। यह याचिका प्रांत की राजधानी लाहौर के लगातार विश्व के सर्वाधिक प्रदूषित शहर बने रहने और धुंध के गंभीर प्रभाव में जीने की विवशता को लेकर दाखिल कराई गई है।

    गुरुवार सुबह शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 800 के ऊपर रहा।इस वर्ष लाहौर का एक्यूआइ कई बार 1000 के ऊपर पहुंच गया। लगातार और लंबे समय तक खराब प्रदूषण ने निवासियों के लिए अपने घरों से बाहर निकलना असंभव बना दिया है। अस्पतालों में सांस की समस्या से जूझ रहे लोगों की भीड़ लगी है। खराब वायु गुणवत्ता के कारण प्रांत के हजारों निवासी सांस संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे हैं।

    सरकार और डॉक्टरों ने कही ये बात

    सरकार और डॉक्टरों ने लोगों को घर के बाहर निकलते समय मास्क लगाने का सुझाव दिया है। सरकार ने पूरे प्रांत में धुंध आपात लागू कर दिया है और 17 नवंबर तक उच्चतर माध्यमिक स्तर के सभी शिक्षण संस्थानों को बंद रखने का आदेश दिया है।