पाकिस्तानी मानवाधिकार संगठन ने की मॉब लिंचिंग को रोकने की मांग, बोला- करें तत्काल कार्रवाई
पंजाब प्रांत के सियालकोट निवासी 40 वर्षीय मुहम्मद इस्माइल को गुरुवार को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक उग्र भीड़ ने गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद भीड़ ने उनके शव को पूरे शहर में घुमाया था। वहीं अब इस मामले में एचआरसीपी के अध्यक्ष ने पाकिस्तान की संघीय सरकार से मांग की है कि सरकार इन मामलों में तत्काल कार्रवाई करे।
एएनआई, लाहौर (पाकिस्तान)। पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) के अध्यक्ष असद इकबाल बट ने पाकिस्तान की संघीय सरकार से मांग की है कि वह भविष्य में भीड़ द्वारा हत्या या लिंचिंग की घटनाओं को रोकने के लिए पर्याप्त और तत्काल कार्रवाई करे।
एचआरसीपी के बयान में पाकिस्तान के स्वात में हाल ही में हुई भीड़ द्वारा हत्या की घटना का संदर्भ देते हुए कहा गया है कि भीड़ द्वारा की गई नृशंस हत्या और एक महीने पहले हुई इसी तरह की घटना से पता चलता है कि राज्य धर्म के नाम पर हिंसा को रोकने में विफल हो रहा है।
राज्य हिंसा भड़क रही - एचआरसीपी
एचआरसीपी ने कहा, रिपोर्ट के अनुसार, मृतक ने पुलिस हिरासत में रहते हुए पवित्र कुरान का अपमान करने के आरोप से इनकार किया था। जिस क्रूरता से पीड़ित की हत्या की गई, भीड़ की ओर से आत्म-धार्मिक धर्मनिष्ठता का हिंसक प्रदर्शन और एक महीने से भी कम समय में (सरगोधा में नजीर मसीह की हत्या के बाद) ऐसी दो घटनाओं का होना स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि राज्य में आस्था के नाम पर हिंसा भड़काने के मामलेबढ़ रहे हैं।
ऐसी घटना को अन्यायपूर्ण बताते हुए एचआरसीपी अध्यक्ष ने कहा कि ये घटनाएं पोषित उग्रवाद के कारण पैदा हुई नफरत का परिणाम हैं।
'एक्स' पर उनके बयान के अनुसार ऐसी घटनाएँ अब सिर्फ कुछ बुरे कानूनों का मामला नहीं रह गई हैं, जिन्हें ईशनिंदा के नाम पर आसानी से हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। बल्कि, ये दूर-दराज के समूहों और चरमपंथ को बढ़ावा देने और उन्हें बढ़ावा देने की दशकों पुरानी नीति का नतीजा हैं।
कराची में हुई तीन घटनाएं
बयान में आगे कहा गया है कि इस अपराध में राज्य की संलिप्तता है। इसने आस्था के नाम पर हिंसा करने वाले लोगों को खुली छूट दे दी है और ऐसे मामलों में, जहाँ निर्णायक कार्रवाई की आवश्यकता होती है, वह इससे बच निकलता है।
भीड़ द्वारा हत्याएं अब आस्था के नाम पर हिंसा तक सीमित हो गई हैं। मार्च से कराची में कम से कम तीन घटनाओं में भीड़ ने संदिग्ध अपराधियों को पकड़ लिया और उन्हें यातनाएं देकर मार डाला। ये परिस्थितियां कानून और व्यवस्था में गिरावट, लोगों की आपराधिक न्याय प्रणाली के प्रति गंभीर अविश्वास और आर्थिक और सामाजिक स्थितियों से निराशा का संकेत देती हैं।
खैबर पख्तूनख्वा में हुई मॉब लिंचिंग
पंजाब प्रांत के सियालकोट निवासी 40 वर्षीय मुहम्मद इस्माइल को गुरुवार को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के स्वात जिले की मदयान तहसील में एक उग्र भीड़ ने गोली मारकर हत्या कर दी और बाद में उसे पूरे शहर में घसीटते हुए ले गई। भीड़ ने मदयान पुलिस स्टेशन को भी आग के हवाले कर दिया था।
इस्माइल पर इस्लाम की पवित्र पुस्तक के पन्नों को जलाने का आरोप है। इस घटना में पांच पुलिसकर्मी और 11 स्थानीय लोग घायल हो गए।
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने इस्माइल की हत्या और मदयान पुलिस स्टेशन पर आगजनी के मामले में कथित संलिप्तता के लिए 23 लोगों को गिरफ्तार किया है।
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