Pakistan New Army Chief: बाजवा के सेवानिवृत्त होने पर सेना प्रमुख के चयन में सरकार की नहीं होगी कोई भूमिका
पाकिस्तान के नए सेना प्रमुख की नियुक्ति की दौड़ के साथ यह अत्यधिक संभावना है कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ जिन्हें संवैधानिक रूप से प्रमुख का चयन करने की अनुमति है कोई भूमिका नहीं निभाएंगे और सेना ही अपने प्रमुख की नियुक्ति करेगी।

इस्लामाबाद, एएनआई। Pakistan new Army Chief: पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा नवंबर में सेवानिवृत्त होने वाले हैं। इसके मद्देनजर अभी से नए सैन्य प्रमुख की नियुक्ति की दौड़ शुरू हो गई है। वैसे तो संवैधानिक तौर पर सेना प्रमुख की नियुक्ति प्रधानमंत्री करते हैं, लेकिन शहबाज शरीफ की इस प्रक्रिया में भूमिका नगण्य रह सकती है। माना जा रहा है कि सेना खुद ही अपने अगले प्रमुख का चुनाव करेगी।इससे पाकिस्तान में सेना के दबदबे का पता चलता है। पाकिस्तान में कोई भी सत्ता प्रतिष्ठान या राजनीतिक दल सेना को दरकिनार या उपेक्षित कर नहीं चल सकता है।
फिर बढ़ा पाकिस्तानी सेना का सत्ता में दखल
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी सेना न सिर्फ यह तय करती है कि उसका अगला प्रमुख कौन होगा, बल्कि समस्त सरकारी कार्यों में भी बड़ी भूमिका निभाती है। इमरान खान को प्रधानमंत्री पद से हटाने के लिए विपक्ष द्वारा जब मोर्चा खोला गया तो सेना तटस्थ हो गई थी, लेकिन माना जा रहा है कि अब वह यू टर्न लेती हुई खेल में वापसी का मन बना चुकी है। जर्जर अर्थव्यवस्था व बढ़ती महंगाई भी सेना के लिए चिंता का विषय है।
इस्लाम खबर की रिपोर्ट के अनुसार, 'यह भी लगभग स्पष्ट है कि पीएम शहबाज सेना के इशारों पर काम करेंगे। हालांकि, देश की जर्जर अर्थव्यवस्था चिंता की वजह बनी रहेगी, क्योंकि कोई भी राजनीतिक ताकत बिना धन के सेना को सर्वोपरि बनाए नहीं रख सकती।' पाकिस्तान में सेना की ताकत उस समय भी लोगों ने महसूस की थी, जब इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशन (आइएसपीआर) के महानिदेशक मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने 14 अप्रैल को संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान ने सेना प्रमुख जनरल बाजवा व खुफिया इकाई आइएसआइ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम को खुद संपर्क कर उनसे राजनीतिक संकट में दखल देने का आग्रह किया था।
देश के हालिया राजनीतिक उठापटक को इमरान, सेना प्रमुख व पूर्व आइएसआइ प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद का शक्ति संघर्ष माना जा रहा था। इसकी शुरुआत गत वर्ष छह अक्टूबर को हो गई थी, जब इमरान के विश्वसनीय लेफ्टिनेंट जनरल हमीद को स्थानांतरित करते हुए उनकी जगह लेफ्टिनेंट जनरल अंजुम को खुफिया इकाई आइएसआइ का प्रमुख बना दिया गया था।
माना जाता था कि फैज हमीद के ही बाजवा की जगह लेने की उम्मीद थी। इमरान खान की इच्छा के खिलाफ अक्टूबर महीने में फैज हमीद को लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अहमद अंजुम द्वारा बदल दिया गया। पिछले महीने इमरान खान पाकिस्तान के इतिहास में देश की संसद में अविश्वास मत हारने के बाद सत्ता से बेदखल होने वाले पहले प्रधानमंत्री बने थो।
बाद में इमरान खान पर 28 अप्रैल को ईशनिंदा का आरोप लगाया गया था, जब उनके समर्थकों ने कथित तौर पर उसी दिन सऊदी अरब के मदीना में नए प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ का पीछा किया था और उनके नारेबाजी की थी। पाकिस्तान की स्थापना में विरोधी गुटों के बीच सत्ता संघर्ष जारी है।
इमरान खान के सत्ता से हटने के बाद लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अहमद अंजुम ने अपने शीर्ष लोगों को लेफ्टिनेंट जनरल हमीद के गुट से संबंधित अधिकारियों की जांच शुरू करने का आदेश दिया है, जिसमें आईएसआई के गुप्त डेस्क के अधिकारी और नेता शामिल हैं। पिछले साल लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम को नया ISI प्रमुख नियुक्त करने को लेकर सेना और सरकार के बीच कथित गतिरोध की खबरें सामने आई थीं।
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