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    Pakistan: बलूचिस्तान में क्यों जबरन गायब किए जा रहे बलूच लोग? विरोध प्रदर्शन करने पर परिजनों को नजरअंदाज कर रही सरकार

    Updated: Tue, 25 Jun 2024 08:13 PM (IST)

    बलूचिस्तान के तुर्बत में पीड़ितों को जबरन गायब करने की घटना ने मानवाधिकार समूहों और स्थानीय समुदायों में आक्रोश और चिंता पैदा कर दी है। इसके बावजूद प्रशासन प्रियजनों की सुरक्षित वापसी के लिए प्रदर्शनकारियों की मांगों को नजरअंदाज कर रहा है। बलूच यज्जेहती समिति (बीवाईसी) ने प्रशासन पर बलूच समुदाय को जानबूझकर परेशान करने का आरोप लगाया गया है।

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    बलूचिस्तान में जबरन गायब किए गए पीड़ितों के परिवारों का विरोध प्रदर्शन लगातार नौवें दिन भी जारी रहा। (फाइल फोटो)

    एएनआई, तुर्बत (पाकिस्तान)। बलूचिस्तान के तुर्बत में जबरन गायब किए गए पीड़ितों के परिवारों द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन मंगलवार को लगातार नौवें दिन भी जारी रहा। बलूच यज्जेहती समिति (बीवाईसी) के एक बयान के अनुसार, इसके बावजूद प्रशासन अपने प्रियजनों की सुरक्षित वापसी के लिए प्रदर्शनकारियों की मांगों को नजरअंदाज कर रहा है।

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    बीवाईसी के बयान में प्रशासन पर नरसंहार के कृत्यों के जरिए बलूच समुदाय को जानबूझकर परेशान करने का आरोप लगाया गया है। इसमें कहा गया है, "गायब किए गए लोगों को शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाने और उनके परिवारों को मानसिक रूप से परेशान करने के उद्देश्य से राज्य की दमनकारी प्रथाएं बलूच समाज को नष्ट करने के लिए बनाई गई हैं - यह एक अपराध है और मानवाधिकारों का उल्लंघन है।"

    बलूचिस्तान के लोगों पर क्यों जुल्म कर रही सरकार?

    बीवाईसी के बयान में कहा गया, "जब लोग गायब हो जाते हैं और उनके परिवार शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करते हैं तो उन्हें अकेला, निराश और हताश छोड़ दिया जाता है। यह वास्तविकता बलूच लोगों के खिलाफ राज्य के प्रत्यक्ष नरसंहार को रेखांकित करती है।

    बीवाईसी ने बलूचिस्तान की स्थिति को राज्य द्वारा किए गए नरसंहार के रूप में उजागर किया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कार्रवाई करने का आग्रह किया। बयान में जोर दिया गया, "नरसंहार देखना और चुप रहना एक राष्ट्र के खिलाफ क्रूरता और बर्बरता को मंजूरी देने के बराबर है। दुनिया को ऐसे अत्याचारों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए बल्कि उनकी स्पष्ट रूप से निंदा करनी चाहिए।"

    जबरन गायब हुए दो लोगों के मिले शव

    प्रमुख बलूच अधिकार कार्यकर्ता महरंग बाल्कोह ने भी इसी तरह की चिंताओं को दोहराया। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान बलूच नरसंहार की अपनी नीति को तेज कर रहा है, जिसमें जबरन लोगों को गायब करना भी शामिल है। हाल ही में बलूचिस्तान के पंजगुर और सोराब में गायब हुए लोगों के क्षत-विक्षत शवों के दो मामले सामने आए हैं।"

    बलूच ने आगे कहा, "यहां के लोग इस नरसंहार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। आज तुर्बत में बलूच गुमशुदा लोगों के परिवार के धरने का 9वां दिन है। न्यायेतर हत्याओं ने पीड़ितों के परिवारों में डर पैदा कर दिया है, जिससे बलूचिस्तान मानवाधिकार उल्लंघन के लिए सबसे खराब क्षेत्र बन गया है। मैं मानवाधिकार संगठनों से इन दुर्व्यवहारों के खिलाफ आवाज उठाने और अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को जवाबदेह ठहराने का आग्रह करता हूं।"

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