Pakistan Train Hijack: 'चुन-चुनकर मारी गोली, महिलाओं को...', विद्रोहियों के शिकंजे से छूटकर आए पीड़ितों ने सुनाई खौफनाक कहानी
Pakistan Train Hijack पाकिस्तान के बलूचिस्तान में कुछ दिनों पहले ट्रेन हाईजैक (Pakistan Train Hijack) की घटना घटी। बलूच विद्रोहियों ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर लिया था। ट्रेन में 440 यात्री सवार थे। विद्रोहियों ने 21 बंधकों की हत्या कर दी। वहीं सुरक्षाबलों ने ट्रेन हाईजैक में शामिल सभी 33 हमलावरों को मौत के घाट उतार दिया। ट्रेन हाईजैक में फंसे यात्रियों ने दर्दनाक आपबीती सुनाई है।

एएफपी, क्वेटा। पाकिस्तान में 11 मार्च को बलूचिस्तान में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को BLA यानी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने हाईजैक (Pakistan Train Hijack) कर लिया था। बलूचिस्तान के कच्छी जिले के माच टाउन के आब-ए-गम इलाके के पास विद्रोहियों ने ट्रेन को हाईजैक किया।
हथियारबंद लोगों ने ट्रेन पर गोलीबारी की, जिससे यात्रियों में दहशत फैल गई। ट्रेन में 440 यात्री सवार थे। विद्रोहियों ने 21 बंधकों की हत्या कर दी। पाकिस्तान सरकार के मुताबिक, सुरक्षाबलों ने सभी 33 हमलावरों को मार गिराया और अन्य सभी यात्रियों को बचा लिया गया है।
जिन यात्रियों को विद्रोहियों ने बंधक बनाया था, उनमें से कुछ लोगों ने अपनी आपबीती सुनाई। यात्रियों ने बताया कि ट्रेन पर कब्जा करने के बाद बंदूकधारियों ने यात्रियों की पहचान पत्रों की जांच की फिर कुछ परिवारों को रिहा कर दिया।
विद्रोहियों के चंगुल से निकल कर भागने में सफल रहे मोहम्मद नवीद ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "उन्होंने (विद्रोही) हमसे एक-एक करके ट्रेन से बाहर आने को कहा। उन्होंने महिलाओं को अलग किया और उन्हें जाने को कहा। उन्होंने बुजुर्गों को भी छोड़ दिया।
इसके बाद करीब 185 लोगों को विद्रोहियों ने ट्रेन से बाहर आने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि किसी भी यात्रियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। जब हम लोग बाहर आए तो उन्होंने कुछ लोगों को चुनकर गोली मार दी।"
'लोगों को चुनकर मारी गोली'
38 वर्षीय ईसाई मजदूर बाबर मसीह ने बुधवार को एएफपी को बताया कि वह और उनके परिवार के कई सदस्य भी ट्रेन में सवार थे।
उन्होंने कहा कि हमारे परिवार की महिला सदस्यों ने जब उनसे (विद्रोहियों) रिहाई की गुहार लगाई तो उन लोगों ने हमें जाने दिया। विद्रोहियों ने हमसे कहा कि वो ट्रेन से बाहर निकल जाएं और भाग जाएं। पीछे मुड़कर न देखें। जब हम भाग रहे थे तो हमने देखा कि हमारे साथ और भी कई लोग ट्रेन से निकल कर भाग रहे थे।
ट्रेन में दाखिल हुआ आतंकवादी और...
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब प्रांत के गुजरांवाला जिले के मूल निवासी नोमान अहमद भी ट्रेन में सवार थे।
उन्होंने घटना को याद करते हुए कहा, जब हमने विस्फोट की आवाज सुनी, तो हम फर्श पर लेट गए और गाड़ी का दरवाजा बंद कर दिया, ताकि गोलीबारी से बच सकें। कुछ ही देर बाद एक आतंकवादी ट्रेन के अंदर दाखिल हुआ और उसने महिलाओं और बुजुर्गों को बाकी यात्रियों से अलग कर दिया। आतंकवादी ने लोगों को ट्रेन से बाहर आने को कहा। जब कुछ लोगों ने बाहर आने से मना कर दिया तो उन लोगों को गोली मार दी गई।
ट्रेन क्वेटा से उत्तरी शहर पेशावर जा रही थी। अधिकारियों का कहना है कि जाफर एक्सप्रेस ट्रेन जब एक सुरंग के अंदर से गुजर रही थी तो उस दौरान चरमपंथियों ने पटरियों को उड़ा दिया, जिससे इंजन और नौ डिब्बे रुक गए।
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