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    पाकिस्तान ने कैसे हाईजैक ट्रेन से यात्रियों को बचाया? लोगों के बीच आत्मघाती जैकेट पहनकर बैठे थे BLA के लड़ाके

    Updated: Thu, 13 Mar 2025 10:48 AM (IST)

    बलूचिस्तान के कच्ची जिले में हाईजैक जाफर एक्सप्रेस ट्रेन के यात्रियों को छुड़ा लिया गया है। सैन्य अभियान में बीएलए के 33 लड़ाकों की मौत हुई है। वहीं 21 यात्री और 4 सैनिकों की जान गई है। यह दावा पाकिस्तानी की सेना ने किया है। ट्रेन की पटरी को बम से उड़ाने के बाद बलोच विद्रोहियों ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर धावा बोला था।

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    विद्रोहियों के कब्जे से छुड़ाया गया यात्री। ( फोटो- रॉयटर्स )

    एजेंसी, क्वेटा। पाकिस्तान की सेना ने बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के कब्जे से हाईजैक जाफर एक्सप्रेस ट्रेन के यात्रियों को छुड़ाने का दावा किया है। कहा कि विद्रोहियों के साथ सैन्य गतिरोध समाप्त हो चुका है। सभी यात्रियों को क्वेटा शहर भेज दिया गया है।

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    सेना ने 33 विद्रोहियों के मारे जाने का दावा किया है। पाकस्तानी सेना और विद्रोहियों के बीच लगभग एक दिन तक मुठभेड़ चली। पाकिस्तानी सेना ने कहा कि विर्दोहियों के हमले में 21 बंधक और चार सुरक्षाकर्मियों की जान गई है।

    बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर हमले के बाद विद्रोहियों ने यात्रियों को बंधक बनाया था। बीएलए ने इसकी जिम्मेदारी ली थी। विद्रोहियों ने रॉकेट हमले के बाद ट्रेन को हाईजैक किया था। ट्रेन में 400 से अधिक लोग सवार थे।

    आखिरी चरण में कोई नहीं मारा गया: पाकिस्तानी सेना

    पाकिस्तान की सेना ने कहा कि गतिरोध के दौरान 21 बंधक और चार सैनिक मारे गए हैं। आज हमने महिलाओं और बच्चों समेत बड़ी संख्या में लोगों को मुक्त करा लिया है। अंतिम ऑपरेशन बेहद सावधानी से किया गया। सैन्य प्रवक्ता अहमद शरीफ चौधरी ने कहा कि ऑपरेशन के आखिरी चरण में किसी भी नागरिक की मौत नहीं हुई है।

    बीएलए ने 48 घंटे का दिया था अल्टीमेटम

    पाकिस्तान सेना से पहले बलोच लिबरेशन आर्मी ने कहा था कि उसने बुधवार शाम को 50 यात्रियों को मार डाला। मंगलवार को समहू ने 214 लोगों को बंधक बनाने का दावा किया। समूह ने पाकिस्तानी सेना को अल्टीमेटम दिया था कि अगर अधिकारियों ने बलोच राजनीतिक कैदियों, कार्यकर्ताओं और लापता लोगों को 48 घंटे में रिहा नहीं किया तो वह बंधकों को मारना शुरू कर देगा।

    ट्रेन चालक ने कैसे बचाई अपनी जान?

    ट्रेन चालक अमजद ने बताया कि विद्रोहियों ने ट्रेन पर गोली चलाई। इसके बाद मैं तुरंत ट्रेन की फर्श पर लेट गया। विद्रोही खिड़की तोड़कर ट्रेन के अंदर घुसे। उन्हें लगा कि मैं मर चुका हूं। इसके बाद वह चले गए। सुरक्षा बलों के आने तक मैं लगभग 27 घंटे तक वहीं छिपा रहा।

    कैसे पाकिस्तानी सेना ने चलाया ऑपरेशन?

    पाकिस्तान के जूनियर आंतरिक मंत्री तलाल चौधरी ने कहा कि विद्रोही आत्मघाती जैकेट पहने थे और बंधकों के बीच बैठे। इससे सैन्य अभियान चलाना मुश्किल हो गया था। उन्होंने यह भी बताया कि 70-80 हमलावरों ने ट्रेन को हाईजैक किया था।

    चौधरी ने आगे कहा कि सैकड़ों सैनिकों को घटनास्थल पर भेजा गया। वायुसेना और विशेष बलों को भी तैनात किया गया। ऑपरेशन के आखिरी चरण में विशेष बलों ने पहले आत्मघाती हमलावरों को मार गिराया। इसके बाद सैनिकों ने बाकी विद्रोहियों को मारने के लिए एक डिब्बे से दूसरे डिब्बे में जाकर हमले को अंजाम दिया।

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