40 वर्षों बाद पाकिस्तान ने अफगान शरणार्थी शिविरों को बंद करने का लिया फैसला, आतंकवाद से जुड़े होने का लगाया आरोप
पाकिस्तान ने 40 वर्षों से चल रहे अफगान शरणार्थी शिविरों को बंद करने का निर्णय लिया है। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में पांच शिविरों को बंद करने का आदेश जारी किया गया है जिनमें हरिपुर जिले के तीन शिविर शामिल हैं। सरकार ने अपराध और आतंकवाद में वृद्धि का हवाला देते हुए बिना दस्तावेज वाले अफगान शरणार्थियों को वापस भेजना शुरू कर दिया है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान ने 40 वर्षों से चल रहे अफगान शरणार्थी शिविरों को बंद करने का फैसला लिया है। पाकिस्तान सरकार द्वारा अफगान शरणार्थियों पर जारी कार्रवाई के बीच खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में ऐसे पांच शिविरों को बंद करने का आदेश दिया है।
पाकिस्तान के प्रमुख दैनिक एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, ''केपी में बंद किए जा रहे पांच शिविरों में हरिपुर जिले के तीन, चित्राल का एक और अपर दीर का एक शिविर शामिल है। अकेले हरिपुर स्थित पनियन शिविर में 1,00,000 से अधिक शरणार्थी रह रहे थे।''
पाक के रक्षा मंत्री ने क्या कहा?
सरकार ने बढ़ते अपराध और आतंकवाद का हवाला देते हुए अक्टूबर 2023 में बिना दस्तावेज वाले अफगान शरणार्थियों को वापस भेजना शुरू कर दिया है। इस हफ्ते की शुरुआत में रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने दोहराया कि अफगान शरणार्थी बलूचिस्तान और केपी में आतंकवाद से जुड़े हुए हैं।
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