आतंकवाद को आर्थिक मदद देने वाला पाक ब्लैकलिस्ट से बचने के लिए बनाया प्लान
ब्लैक लिस्ट होने से बचने के लिए पाकिस्तान ने 15 महीनों के अंदर 26-सूत्रीय एक्शन प्लान तैयार किया है।
इस्लामाबाद (प्रेट्र)। पाकिस्तान पर आतंकवाद को आर्थिक मदद मुहैया कराने वाले देशों की सूची में डाले जाने का और ब्लैक लिस्ट होने का खतरा मंडरा रहा है। इस खतरे को भांपते हुए पाकिस्तान सरकार ने एक नया प्लान बनाया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ब्लैक लिस्ट होने से बचने के लिए पाकिस्तान ने 15 महीनों के अंदर 26-सूत्रीय एक्शन प्लान तैयार किया है। इस प्लान में यह बताया गया है कि वह आतंकियों को दिए जाने वाली आर्थिक मदद पर कैसे रोक लगाएगा और इसके लिए कौन-कौन से कदम उठाएगा।
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार 15 महीने की अवधि में पाकिस्तान की 26 बिंदुओं के एक्शन प्लान पर एफएटीएफ में मंगलवार को चर्चा की गई थी। पाक वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान की योजना में आइएसआइएस, अल कायदा, जमात-उद-दावा और उसके सहयोगियों फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआइएफ) और लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद (जेएम), हक्कानी नेटवर्क और तालिबान जैसे आतंकी समूहों की फंडिंग को रोकने के लिए योजना बनाई गई है।
सूत्रों के अनुसार शुक्रवार को पाकिस्तान की स्थिति के बारे में औपचारिक घोषणा की जा सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह पहली बार है कि सभी 26 बिंदुओं को विस्तार से प्रकाशित किया गया है। यदि एफएटीएफ 26 बिंदुओं के एक्शन प्लान का समर्थन करता है, तो पाकिस्तान को ग्रे सूची में ही रखा जाएगा। लेकिन अगर एफएटीएफ योजना को खारिज कर देता है, तो पाकिस्तान को सार्वजनिक रूप से ब्लैकलिस्ट घोषित कर दिया जाएगा।
अंतर सरकारी संस्था एफएटीएफ का गठन 1989 में किया गया था। यह धन को अवैध तरीके से एक देश से दूसरे देश भेजने, आतंकवाद को आर्थिक मदद देने और वैश्विक आर्थिक ढांचे के लिए अन्य खतरनाक तरीकों पर नजर रखता है। पाकिस्तान को आतंकवाद के लिए धन मुहैया कराने वाले देशों की निगरानी सूची (ग्रे लिस्ट) में एफएटीएफ की फरवरी माह में हुई बैठक में डाल दिया गया था, तब पाकिस्तान को कुछ महीनों की मोहलत देते हुए कहा गया था कि एफएटीएफ की समीक्षा बैठक में पाकिस्तान को इस मामले में एक्शन टेकेन रिपोर्ट देनी होगी।
इस बैठक में फैसला होना है कि आतंकवादियों को आर्थिक मदद मुहैया कराने वाली गतिविधियों के खिलाफ पाकिस्तान नें क्या ठोस कदम उठाए हैं और इसे लेकर पाकिस्तान के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई हो या नहीं। खुद को इस संकट से बचाने के लिए पाकिस्तान ने काले धन को वैध बनाने की प्रक्रिया पर लगाम लगाने के मकसद से नए नियम की पेशकश की है जिससे आतंकियों को आर्थिक मदद पहुंचाने वाली गतिविधियों को रोका जा सके।