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    Pakistan Flood: बाढ़ से बेहाल पाकिस्तान में त्रासदी से जूझने के प्रयास जारी, 1,300 से अधिक लोगों की हो चुकी है मौत

    By Monika MinalEdited By:
    Updated: Mon, 05 Sep 2022 06:09 PM (IST)

    Pakistan Flood बाढ़ के कारण पाकिस्तान में अब तक 10 अरब डालर का नुकसान हो चुका है। पंजाब सिंध बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं और मरने वालों में अधिकतर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।

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    बाढ़ से बेहाल पाकिस्तान में त्रासदी से जूझने के प्रयास जारी

    कराची, एजेंसी। Pakistan Flood : पाकिस्तान की सबसे बड़ी झील के तटबंध काटने के बाद इससे निकले पानी को रोकने की कोशिश में जुटे हैं जिससे आस-पास के शहर जलमग्न हो गए हैं। सोमवार को यहां मरने वालों के आंकड़े में 24 और मृतक बढ़ गए। मानसून की रिकार्ड बारिश और देश के उत्तरी पहाड़ों से पिघलते ग्लेशियरों ने पाकिस्तान में भीषण बाढ़ ला दिया जिससे 30 करोड़ से अधिक लोग प्रभावित हो गए और कम से कम 1,314 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में 458 बच्चे शामिल हैं। यह आंकड़ा पाकिस्तान की राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी ने दी।

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    प्राकृतिक त्रासदी के लिए जलवायु परिवर्तन को दे रहे दोष

    गर्मी में अत्यधिक तापमान के कारण इस भयंकर बाढ़ के हालात बन गए जिसके लिए सरकार और संयुक्त राष्ट्र दोनों ने ही जलवायु परिवर्तन को दोष दिया। रविवार को पाकिस्तान मंछरी झील के किनारे एक तटबंध को काट दिया ताकि बढ़ते पानी को छोड़ा जा सके। इसके कारण 1 लाख लोगों को उनके घरों से निकालकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया था और उम्मीद की गई थी कि बाढ़ के पानी को छोड़ दिया जाएगा लेकिन झील का जलस्तर खतरनाक तरीके से बढ़ गया। प्रांत के सिंचाई मंत्री जाम खान शोरो ने रायटर्स न्यूज एजेंसी से बताया, 'मंछरी झील का जलस्तर कम नहीं हुआ है ।'

    10 अरब डालर का हो चुका है नुकसान 

    झील से पानी निकालने के दूसरे विकल्पों को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने इनकार कर दिया। बता दें कि बाढ़ के कारण पाकिस्तान में अब तक 10 अरब डालर का नुकसान हो चुका है। पंजाब, सिंध, बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं और मरने वालों में अधिकतर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।

    बाढ़ से निपटने के उपायों के तहत संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने पिछले सप्ताह दुनिया से कहा था कि वह इस प्राकृतिक आपदा पर आंखें न बंद करे। गुतेरस नौ सितंबर को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर सकते हैं।